सत्ता गई, कवयित्री बची रही बीसवीं सदी के शुरुआत में उभरी रूसी कवयित्री मारीना त्स्वेतायेवा का जीवन बहुत त्रासद रहा। वह एक कुलीन... JUL 24 , 2020
बनी-बनाई धारणाओं से अलहदा रामकथा के न जाने कितने रूप हैं। आदिकवि वाल्मीकि की रामायण से लेकर तुलसीदास के रामचरितमानस तक।... JUL 09 , 2020
मजदूर टूट के शाख से पत्ते कभी शजर नहीं होते इस शहर में किसी मजदूर के घर नहीं होते हवाई प्रवासी के पैरों में... JUN 19 , 2020
जीवन की परतों को खोलती कहानियां ‘उत्तरवाहिनी’ मीना झा द्वारा लिखी हालिया प्रकाशित कहानी संग्रह है। इस संग्रह में कुल छह कहानियां... JUN 11 , 2020
आर्थिक सुधारों की यात्रा की कहानी 1991 में भारत की आर्थिक नीतियों में जो बहुत बड़ा बदलाव आया उसकी नींव अस्सी के दशक में ही पड़ चुकी थी और... JUN 04 , 2020
प्रतिरोध के संवादी सुर संजोए कविता में बंटवारा लेखन को महज साहित्य-साधना नहीं, बल्कि सांस्कृतिक कर्म के तौर पर लेने के पक्षधर रामकुमार कृषक ने सन् 1988... JUN 02 , 2020
“हालात नोटबंदी काल के संकट से भी ज्यादा गंभीर” करीब दो महीने के देशव्यापी लॉकडाउन ने करोड़ों लोगों का रोजगार छीन लिया है। अब जब लॉकडाउन में चरणबद्ध... MAY 28 , 2020
सरल-सलोनी हिंदी की बात राजभाषा सेवा से जुड़े होने के कारण आलोचक और गीतकार डॉ. ओम निश्चल हिंदी से बहुत गहरे जुड़े रहे हैं।... MAY 15 , 2020
आर्थिक नीतियों की हकीकत सरकार आर्थिक नीतियां किसके लिए बनाती है? कहने को तो इसमें समाज के हर वर्ग को शामिल किया जाता है, लेकिन... APR 30 , 2020
इरफान के एनएसडी के दोस्त की जुबानी, शादी से लेकर एक्टर बनने तक की कहानी “इरफान को मैं उसी तरह याद कर रहा हूं जैसे कोई अपने दिल के सबसे करीबी को याद करता है। जिस तरह के किरदार... APR 29 , 2020