खिड़कियां थिएटर उत्सव के चौथे दिन नवाजुद्दीन सिद्दकी, कबीर खान, राधिका आप्टे, आनंद एल राय, नीतू चंद्रा, मानव कौल और कुमुद मिश्रा ने अपनी आमद दर्ज कराई। इस उत्सव में रंगमंच प्रस्तुतियों के साथ दूसरी सांस्कृतिक गतिविधियां भी होती हैं।
इस कार्यक्रम में नवाजुद्दीन ने बताया कि आयोजक मुकेश छाबरा और वह दोनों दिल्ली में थिएटर से जुड़े हुए थे। एक बार जब हम दोनों के पास पैसे खत्म हो गए तो हमने सोचा दिल्ली में भूखे मरने से अच्छा है यही काम हम मुंबई में करें। क्या पता हमारी नियति बदल जाए। और हम दोनों मुंबई चले आए।
इस कार्यक्रम के चौथे दिन मुकेश छाबरा के पिता टीसी छाबरा जो शौकिया गायक भी हैं ने पुरानी हिंदी फिल्मों के गीत गा कर समां बांध दिया। प्रतुल जोशी का शानदार अभिनय वहां बैठे लोगों को मंत्रमुग्ध कर गया।
राधिका आप्टे ने कहा कि थिएटर कम लोगों तक पहुंचता है। सीमित संसाधन होते हैं और दर्शकों का भी खास वर्ग है। ऐसे में यदि खिड़कियां उत्सव इतनी भीड़ जुटा पा रहा है तो यह थिएटर की दुनिया के लिए शुभ संकेत है। कबीर खान का कहना था कि दिल्ली में थिएटर के लिए अच्छा माहौल है। यह बहुत ही अच्छा प्रयास है जिसे ज्यादा से ज्यादा समर्थन मिलना चाहिए।