इस मसले पर अभी बैठकों का दौर जारी है। मलेशिया के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री मोहम्मद नजरी अजीज ने कहा कि राष्ट्रीय विरासत आयोग आधिकारिक घोषणा करेगा। इससे पहले आश्रम के न्यासमंडल ने जमीन को बेचने और इसका पुनर्विकास कर वहां 23 मंजिला अपार्टमेंट टॉवर के निर्माण का एक प्रस्ताव पेश किया था। स्टार मेट्रो की रिपोर्ट के अनुसार देश भर से विभिन्न पक्षों और व्यक्तियों के एतराज के चलते सिटी हाल ने इस परियोजना को वक्ती तौर पर रोक दिया।
स्थल को बचाने में प्रमुख भूमिका निभाने वाले राजा सिंघम ने कहा, ‘यह बेतुका होगा कि यह जगह उसी तरह बंद रहे जिस तरह पिछले 10 साल से बंद है।’ सिंघम ने कहा कि वक्त है कि आश्रम को उसकी पुरानी आन-बान लौटाई जाए। यह तब एक शिक्षा केंद्र था, जैसा स्वामी विवेकानंद चाहते थे। ऐेतिहासिक दस्तावेज दिखाते हैं कि यह गणित का केंद्र था और साथ ही समुदाय के जमा होने का एक स्थान था। उन्होंने कहा कि 1990 दशक के आरंभ तक यहां नृत्य एवं गायन की कक्षाएं होती थीं और योग की शिक्षा दी जाती थी और अन्य आध्यात्मिक गतिविधियां चलती थीं। आश्रम के प्रबंधन ने पुनर्विकास के अपने प्रस्ताव के लिए वित्तीय दिक्कतें इंगित की। सिंघम ने वित्तीय मदद की पेशकश की है।