कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने मंगलवार को विधानसभा में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) का एंथम गाने के लिए माफी मांगी। उन्होंने कहा कि वह भाजपा नेताओं की टांग खिंचाई कर रहे थे और पार्टी लाइन से परे किसी की भावनाओं को ठेस नहीं पहुंचाना चाहते थे।
एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, "मैंने बस टिप्पणी की और उनकी (भाजपा की) टांग खींचने की कोशिश की। मेरे कुछ दोस्त राजनीतिक छलांग लगा रहे हैं, इसका दुरुपयोग करने और जनता के बीच भ्रम पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं।"
उन्होंने कहा, "मैं उनकी भावनाओं को ठेस नहीं पहुँचाना चाहता। अगर किसी को ठेस पहुँची है, तो मुझे उनके लिए दुख है। मैं उन सभी से माफ़ी मांगना चाहता हूँ।"
भाजपा और आरएसएस से हाथ मिलाने की अटकलों के बीच उन्होंने दोहराया कि वह कांग्रेस पार्टी के साथ ही रहेंगे।
उपमुख्यमंत्री ने कहा, "गांधी परिवार पर कोई सवाल नहीं उठा सकता। मैं जन्मजात कांग्रेसी हूं। मैं कांग्रेसी ही मरूंगा। विभिन्न राजनीतिक दलों में पार्टी लाइन से इतर मेरे बहुत सारे अनुयायी और मित्र हैं। मैं किसी को ठेस नहीं पहुंचाना चाहता।"
इससे पहले, डीके शिवकुमार ने भाजपा और आरएसएस से हाथ मिलाने की अफवाहों का दृढ़ता से खंडन किया था और कांग्रेस पार्टी के प्रति अपनी वफादारी दोहराई थी।
उन्होंने विधान सौध में पत्रकारों से बात करते हुए कहा, "मेरा खून कांग्रेस है और मेरा जीवन कांग्रेस है। मुझे राज्य में पार्टी का नेतृत्व करने की जिम्मेदारी दी गई है और मैं पूरी दृढ़ता से पार्टी के साथ खड़ा हूं।"
यह बयान कर्नाटक विधानसभा में आरएसएस का गीत "नमस्ते सदा वत्सले मातृभूमिे" गाने के बाद आया है, जिसके बाद उनके भाजपा में शामिल होने की चर्चा शुरू हो गई है।
यह घटना गुरुवार को विधानसभा में बहस के दौरान हुई, जब भाजपा विधायक आर अशोक ने शिवकुमार की ओर इशारा करते हुए इस बात पर जोर दिया कि राज्य सरकार को चिन्नास्वामी स्टेडियम में हुई भगदड़ की जिम्मेदारी लेनी चाहिए।
उपमुख्यमंत्री शिवकुमार ने पलटवार करते हुए कहा कि उन्हें भाजपा की चालों के बारे में सब पता है और फिर उन्होंने आरएसएस के गान की कुछ पंक्तियां सुनानी शुरू कर दीं।