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हिंदी दिवस पर कवियों का जुटान

कवि-कहानीकारों के लिए वैसे तो हर दिन हिंदी का दिन होता है। लेकिन साल में एक दिन खास मनाया जाता है जो हिंदी के लिए कोने-कोने में प्रयासरत लोगों को एक मंच पर जुटा लाता है।
हिंदी दिवस पर कवियों का जुटान

बीत गए 14 सितंबर की यादें सिर्फ हिंदी दिवस की यादें बन कर न रह जाएं इसके लिए दिल्ली के अंबेडकर विश्वविद्यालय ने अपने छात्रों और कवियों के साथ मिल कर इस दिन को यादगार बना दिया। वास्तव में हिंदी विभाग के वरिष्ठ प्राध्यापक डॉ. सत्यकेतु सांकृत ने एक रूपरेखा बनाई और उनके छात्रों, निकिता जैन, नितिका गुप्ता, महेंद्र प्रजापति तथा अनंत पालीवाल ने इस कार्यक्रम को सफल बना दिया।

वरिष्ठ कवि श्री लक्ष्मीशंकर वाजपेयी की अध्यक्षता में ममता किरण, प्रांजल धर, सुजाता तेवतिया, वाजदा खान, कृष्णकांत जैसे चर्चित कवियों ने अपनी कविताओं और गजलों का पाठ किया। इन वरिष्ठ कवियों के बीच में विश्वविद्यालय के कविता लिखना सीखने की प्रक्रिया में अविनाश मिश्र, अंशु गुप्ता, निधि, शिल्पी, सूरज, केसरी नंदन ने भी अपनी कविताओं का पाठ किया। और कहीं से नहीं लगा कि ये छात्र अपनी सीखने की प्रक्रिया में हैं।

इससे पहले उदघाटन सत्र में प्रो. डेनिस पी. लेइटन (अधिष्ठाता, ललित अध्ययनशाला), डॉ. रचना जौहरी (अधिष्ठाता, स्नातक अध्ययनशाला), एम.ए सिकंदर (कुलसचिव, एयूडी), डॉ. गोपालजी प्रधान आदि ने छात्रों को संबोधित किया और हिंदी दिवस की शुभकामनाएं दीं। 

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