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लेखकों ने किया अपने ‘साहित्यिक घर’ का घेराव

आज साहित्य अकादमी का नजारा कुछ बदला-बदला सा है। ‘लेखकों का यह घर’ मीडिया कर्मियों के जमावड़े से गुलजार था। लेखक प्रदर्शनकारियों के बाने में थे। पहली बार हुआ कि अकादमी की इमारत में जाने के लिए पहचान पूछी जा रही थी।
लेखकों ने किया अपने ‘साहित्यिक घर’ का घेराव

दिल्ली के मंडी हाउस इलाके की एक इमारत में अक्सर लोगों का आना-जाना लगा रहता है। साहित्य अकादमी की इस इमारत में आज पुलिस की गाड़ियां है, ओबी वैन की लंबी कतारें हैं, काली पट्टी बांधे साहित्यकार हैं। पिछले दिनों एक के बाद एक अकादमी का साहित्य सम्मान लौटाने को लेकर आज अकादमी के अध्यक्ष विश्वनाथ तिवारी की अध्यक्षता में एक बैठक बुलाई गई है।

बैठक शुरू होने से कन्नड़ लेखक एम एम कलबुर्गी की हत्या के बाद साहित्य अकादमी की भूमिका से असंतुष्ट रचनाकारों ने विरोध किया और अकादमी अध्यक्ष को ज्ञापन सौंपा।

मंडी हाऊस इलाके में सुबह 9 बजे से ही सुगबुगाहट थी। श्रीराम आर्ट सेंटर पर एकत्रित हुए विभिन्न भाषा के साहित्यकारों ने  साहित्य अकादमी भवन तक मौन रैली निकाली। लेखकों ने अभिव्यक्ति की आजादी और असहमति के अधिकार की रक्षा के लिए कठोर कदम उठाए जाने के लिए एक प्रस्ताव पारित किए जाने की मांग की। 

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