इस फिल्म को बनाने वाले हैं, आनंद गांधी। आनंद गांधी वहीं हैं जिन्होंने शिप ऑफ थिसीयस बना कर प्रशंसा बटोरी थी। पहले इस वृत्तचित्र का नाम प्रपोजिशन फॉर ए रिवोल्यूशन था। जिसका बाद में उन्होंने नाम बदल दिया। इस वृत्तचित्र का निर्देशन खुशबू रांका और विनय शुक्ला ने क्या है।
इस फिल्म की खासियत वह कैमरा शॉट्स हैं दिसंबर 2012 से लेकर दिसंबर 2013 तक आम आदमी पार्टी से जुड़े लोगों और इवेंट्स को कैमरे में कैद किया गया है। इस वृत्तचित्र को बनाने के लिए आईडीएफए ब्रेथा मदद मिली है। यह वृत्तचित्र बनाने को लेकर मिलने वाली दुनिया की सबसे प्रतिष्ठित मदद है।