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पूर्व अटार्नी जनरल सोराबजी ने पुस्तकों के प्रति अपने प्रेम को साझा किया

जाने-माने विधिवेत्ता सोली सोराबजी अपनी विधिक कुशाग्रता के लिए भले ही दुनियाभर में जाने जाते हों लेकिन आप उनसे कविता के बारे में बात करें और उनकी जुबां पर शेक्सपियर का नाम आ जाता है। साहित्य अकादेमी द्वारा पीपुल एंड बुक्स शीर्षक से आयोजित सत्र में भारत के पूर्व अटार्नी जनरल ने कहा कि अंग्रेजी के नाटककार विलियम शेक्सपियर की चतुर्दश पदी (साॅनेट) उनकी पसंदीदा कविताओं में शामिल है और शेक्सपियर से बेहतर कोई नहीं है।
पूर्व अटार्नी जनरल सोराबजी ने पुस्तकों के प्रति अपने प्रेम को साझा किया

उन्होंने कहा, जब बात चतुर्दश पदी (साॅनेट) की आती है तो शेक्सपियर से बेहतर कोई नहीं है। साहित्य में शेक्सपियर की चतुर्दश पदी में प्रेम, दुख, अलगाव के बारे में सर्वश्रेष्ठ कहा गया है। सोराबजी ने साॅनेट 116 का पाठ करते हुए कहा, वो मेरी पसंदीदा कविताएं है। लेट मी नाॅट टू द मैरेज आॅफ टू माइन्ड्स---मेरी सर्वकालिक पसंदीदा कविता है। पढ़ने के प्रति अपने प्रेम के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि यह आदत अपने भीतर से आती है और कोई किसी को पढ़ने के लिए नहीं कह सकता है।

उन्होंने कहा, निश्चित तौर पर मेरी पसंदीदा उपन्यासों की सूची है, जैसे डिकेन्स की द पिकविक पेपर्स और ग्रीन की द एंड आॅफ द अफेयर समेत अन्य। लेकिन, मुझे उपन्यास उतना पसंद नहीं है। उन्होंने कहा, मैं निबंध काफी पढ़ता हूं। वास्तव में मेरे पास 200-300 पन्ने की पुस्तक पढ़ने का धैर्य नहीं है। निबंध मुख्य बिंदु पर केंद्रित और कसा हुआ होता है।

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