Advertisement

1984 के दंगे की दास्तां बयां करती किताब

देश के सामाजिक ताने-बाने को हमेशा के लिए बदल कर रख देने वाले 1984 के सिख विरोधी दंगों की रोंगटे खड़े करने वाली दास्तां को कहानियों के रूप में एक नई किताब में पेश किया गया है।
1984 के दंगे की दास्तां बयां करती किताब

विक्रम कपूर और अमेरिलिस पब्लिशिंग हाउस द्वारा प्रकाशित 1984 : इन मेमोरी एंड इमेजिनेशन शीर्षक से प्रकाशित य किताब में सन 1984 में हुए सिख विरोधी दंगों के निजी संस्मरण और काल्पनिक कहानियां हैं। इस किताब में दंगा पीड़ितों के अनुभवों के आधार पर सच्ची कहानियों और वास्तविक घटनाओं पर रची गईं काल्पनिक कहानियां हैं। ये कहानियां उन पुरुषों, महिलाओं, बुजुर्गों और बच्चों की हैं जिनकी जिंदगी को उन दंगों ने एक त्रासदीपूर्ण मोड़ पर लाकर खड़ा कर दिया था।

कपूर किताब के बारे में बताते हैं, इस किताब का गैर काल्पनिक हिस्सा जहां उस समय के तथ्यात्मक इतिहास को खंगालते हुए समाज के बदलते मिजाज की जांच करता है वहीं काल्पनिकता के ताने-बाने में बुनी गई कहानियां उन दहशत भरे दिनों का बखान करती हैं जब मानवीय आतंक रंग रूप बदल बदलकर सामने आया था।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad