ललित कला अकादमी के पूर्व अध्यक्ष और साहित्यकार अशोक वाजपेयी सीबीआई जांच के दायरे में आ गए हैं। ललित कला अकादमी नई दिल्ली में कथित अनियमितताओं के मामले में सरकार ने सीबीआई को जांच के लिए कहा है। बता दें कि अशोक वाजपेयी हिंदी के प्रख्यात कवि हैं। असहिष्णुता के मुद्दे पर अवॉर्ड वापसी अभियान में उन्होंने बढ-चढ़कर भाग लिया था।
अंग्रेजी समाचार पत्र ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ के मुताबिक संस्कृति मंत्रालय ने पत्र लिखकर सीबीआई के निदेशक अलोक कुमार वर्मा से अनुरोध किया है कि वे "नई दिल्ली में ललित कला अकादमी में अनियमितताओं और सरकारी दिशा-निर्देशों के उल्लंघन" मामले की जांच करे।
पत्र के मुताबिक 2012-13 से 2014-15 के बीच का इंटरनल ऑडिट करवाया गया है। ऑडिट में सामने आया है कि इस दौरान कई नियमों की अनदेखी कर कई जगह सीमा से ज्यादा भुगतान किया गया है। साथ ही आरोप है कि अशोक वाजपेयी ने कथित तौर पर कुछ कलाकारों को बिना किसी फीस के गैलरी दे दी थी।
तीखी प्रतिक्रिया
अशोक वाजपेयी के खिलाफ सीबीआई जांच की खबर आने के बाद साहित्य जगत और बुद्धिजीवियों की ओर से तीखी प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। वरिष्ठ पत्रकार ओम थानवी ने इसे बदले की कार्रवाई करार दिया है। अपने फेसबुक पोस्ट में थानवी ने लिखा है कि कि कोई भी समझ सकता है, मोदी सरकार के अनाचार के खिलाफ ‘प्रतिरोध’ का झंडा खड़ा करने वालों में वाजपेयी अगुआ रहे। अकादमी के सचिव को उन्होंने निलम्बित किया था, जो भाजपा सरकार के आते ही बहाल हुए।”