इस शाम का विशेष आकर्षण रहा संगीता बहादुर द्वारा फिल्म यह रात फिर न आएगी का आशा भोंसले द्वारा गाया गीत जिसकी धुन जाहिर है कि ओ.पी.नैय्यर ने ही बनाई थी। गीत के बोल हैं, ‘मैं शायद तुम्हारे लिए अजनबी हूं, मगर चांद तारे हमें जानते हैं’ (गीत एसएच बिहारी) संगीता ने इतने मधुर ढंग से गाया कि श्रोता वाह-वाह कर उठे।
तेजेन्द्र शर्मा ने ओपी नैय्यर के शुरूआती संघर्ष की गाथा सुनाते हुए उनके उन गीतों की चर्चा की जो उन्होंने गीता दत्त के लिए बनाए। आशा भोंसले के साथ बनाए कुछ अमर गीतों की बातें की और यह भी बताया कि ओपी नैय्यर एक अकेले सफल फिल्मी संगीतकार हैं जिन्होंने अपने पूरे जीवन में कभी भी लता मंगेश्कर से एक भी गीत नहीं गवाया। ओपी नैय्यर ने एसएच बिहारी, कमर जलालाबादी, मजरूह सुल्तानपुरी, जां निसार अख्तर और साहिर लुधियानवी के साथ अधिक गीत बनाए। आशा भोंसले के साथ 324 और मुहम्मद रफी के साथ 202 गीतों को तैयार किया।
अर्पण, मीतल और तेजेन्द्र शर्मा ने शाम के लिए गीतों का एक खूबसूरत गुलदस्ता तैयार किया था। इस गुलदस्ते में आइए मेहरबां (हॉवड़ा ब्रिज), बहुत शुक्रिया बड़ी मेहरबानी (एक मुसाफ़िर एक हसीना), बाबूजी धीरे चलना (आर पार), सर पर टोपी लाल (तुमसा नहीं देखा), उड़ें जब जब जुल्फें तेरी (नया दौर), इक परदेसी मेरा दिल ले गया (फागुन), तू है मेरा प्रेम देवता (कल्पना), जाइए आप कहां जाएंगे (मेरे सनम), पुकारता चला हूं मैं (मेरे सनम), तारीफ करूं क्या उसकी (कश्मीर की कली), आपके हसीन रुख पे (बहारें फिर भी आएंगी), चैन से हमको कभी (प्राण जाए पर वचन न जाए), मैं सोया अखियां मीचे (फागुन) थे।
इस शाम में सुखदेव सिंह सिद्धु (मंत्री-समन्वय, भारतीय उच्चायोग), संगीता बहादुर (निर्देशक –नेहरू सेंटर), काउंसलर जकिया जुबैरी, काउंसलर ग्रेवाल, रवि शर्मा (सनराइज रेडियो), प्रो. मुगल अमीन, उषा राजे सक्सेना, के.बी.एल.सक्सेना, महेंद्र दवेसर, श्रीराम शर्मा मीत, देविना ऋषि, शन्नो अग्रवाल, सुषमा मेहता, अंजना शर्मा, सन्मुख सिंह बख्शी, मिनी आनंद, तोषी अमृता एवं यादव शर्मा (एअर इंडिया) आदि शामिल थे।