जयपुर धीरे-धीरे देश की साहित्यिक राजधानी बन गया है। देश का सबसे बड़ा साहित्योत्सव यहां 21 से 25 जनवरी के बीच आयोजित किया गया जिसमें भारत ही नहीं पूरी दुनिया के चर्चित साहित्यकार शामिल हुए। और सिर्फ साहित्य ही क्यों फिल्म, समाज, मीडिया, राजनीति, शिक्षा हर क्षेत्र के दिग्गज इस महोत्सव में शामिल होने पहुंचे। एक ओर जहां साहित्य प्रेमियों को अपने पसंदीदा लेखकों से आमने-सामने मिलने का मौका मिला वहीं यह समारोह अपने उद्घाटन के दिन से ही विवादों में भी घिरा रहा। पहले ही दिन राष्ट्रगान को लेकर विवाद पैदा हुआ, जिसमें कोर्ट ने आयोजकों के खिलाफ जांच के आदेश दिए हैं। वहीं, मशहूर शायर जावेद अख्तर व गीतकार प्रसून जोशी के कथित अश्लील फिल्मी गानों पर बयानबाजी भी सुर्खियों में रही। तीसरे दिन भी एक ब्रिटिश लेखक हनीफ कुरैशी ने भगवान शंकर, गणेश और शिवलिंग के चित्र वाली टी-शर्ट पहनकर सेक्स राइटिंग पर आधारित सेशन में चर्चा में भाग लिया। इसे अनावश्यक विवाद पैदा करने की कोशिश बताया जा रहा है। दूसरी ओर पूर्व राष्ट्रपति ए.पी.जे. अब्दुल कलाम ने इस मौके को छात्रों से संवाद कायम करने का जरिया बनाया और उन्हें बड़े सपने देखने की नसीहत दी।
जयपुर में जुटे साहित्य के दिग्गज
जयपुर धीरे-धीरे देश की साहित्यिक राजधानी बन गया है। देश का सबसे बड़ा साहित्योत्सव यहां 21 से 25 जनवरी के बीच आयोजित किया गया जिसमें भारत ही नहीं पूरी दुनिया के चर्चित साहित्यकार शामिल हुए।
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