फिल्म चमकीला: लोकप्रियता बनाम लोकधर्मिता का द्वंद्व ‘‘जब तक हम हैं, स्टेज पर हैं। जीते जी मर जाएं, इससे बेहतर है कि मर कर जिंदा रहें।’’ अमर सिंह चमकीला... APR 27 , 2024
75 बरस आजादी/हिंदी फिल्में: लोकशाही का बाइस्कोप “आजादी के बाद बीते साढ़े सात दशक के दौरान हिंदी सिनेमा देश के राजनीतिक-सामाजिक सफर का हमकदम रहा है,... AUG 15 , 2022
शहरनामा/लखनऊ: दुरुस्त शीन काफ और तहजीब वाला शहर “दुरुस्त शीन काफ और तहजीब वाला शहर” शीन काफ से दुरुस्त आज भी मैं उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ को शीन... JAN 09 , 2022