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बजट 2017- सस्ते आवास एवं रियल एस्टेट सेक्टर को बढ़ावा देने पर जोर

सस्‍ती आवास योजना के प्रवर्तकों हेतु वित्‍तीय वर्ष 2016-17 में घोषित लाभ-संबद्ध आयकर छूट योजना को और अधिक आकर्षक बनाने के लिए संसद में आम बजट प्रस्‍तुत करते हुए वित्‍त मंत्री अरुण जेटली ने आज उक्‍त योजना में कई महत्‍वपूर्ण बदलाव प्रस्‍तावित किए।
बजट 2017- सस्ते आवास एवं रियल एस्टेट सेक्टर को बढ़ावा देने पर जोर

जेटली ने बताया कि 30 और 60 वर्ग मीटर निर्मित क्षेत्र की बजाय अब 30 और 60 वर्ग मीटर कार्पेट क्षेत्र की गणना की जाएगी। 30 वर्ग मीटर की सीमा भी केवल 4 मेट्रो शहरों की नगरपालिका सीमाओं के मामले में लागू होगी जबकि मेट्रो के बाह्य परिधीय क्षेत्रों सहित देश के शेष भागों के लिए 60 वर्ग मीटर की सीमा ही लागू होगी। वित्‍त मंत्री ने इस योजना के तहत कार्य प्रारंभ होने के बाद भवन निर्माण को पूरा करने की अवधि को मौजूदा तीन साल से बढ़ाकर 5 साल करने का भी प्रस्‍ताव किया।

वर्तमान में पूर्णता प्रमाणपत्र प्राप्‍त करने के पश्‍चात कब्‍जा न लिए गए मकान नोशनल किराया आय पर कर के अध्‍यधीन हैं। जिन बिल्‍डरों के लिए निर्मित मकान व्‍यवसाय में पूंजी लगी है, श्री जेटली ने ऐसे बिल्‍डरों के लिए यह नियम पूर्णता प्रमाणपत्र प्राप्‍त होने वाले वर्ष के समाप्‍त होने के एक वर्ष बाद ही लागू करने का प्रस्ताव दिया ताकि उन्‍हें अपनी इन्‍वेंटरी के परिनिर्धारण हेतु कुछ समय और मिल जाए।

जेटली ने भूमि और इमारत के संबंध में पूंजीगत लाभ कराधान उपबंधों में अनेक परिवर्तन करने का प्रस्‍ताव दिया। अचल संपत्‍ति से लाभ पर विचार करने हेतु धारण अवधि को मौजूदा तीन साल से घटाकर दो साल करने समेत अचल संपत्‍ति सहित आस्‍तियों की सभी श्रेणियों के लिए सूचीकरण के लिए आधार वर्ष भी 1.4.1981से बदलकर 1.4.2001 किए जाने का प्रस्‍ताव किया गया है। वित्‍त मंत्री ने कहा कि इस कदम से पूंजीगत लाभ पर देयता काफी घटेगी जबकि परिसंपत्‍तियों की गतिशीलता को प्रोत्‍साहन मिलेगा। उन्‍होंने कहा कि सरकार वित्‍तीय लिखतों के उस समूह का विस्‍तार करने की योजना बना रही है जिसमें कर की अदायगी किए बिना पूंजीगत लाभों का निवेश किया जा सके। संपत्‍ति के विकास हेतु हस्‍ताक्षरित सहित करार के लिएपरियोजना पूर्ण होने वाले वर्ष में पूंजीगत लाभ कर अदा करने की बाध्‍यता उत्‍पन्‍न हो जाएगी।

बिना भूमि अधिग्रहण अधिनियम के भूमि पूलिंग व्‍यवस्‍था द्वारा विकसित की जा रही आंध्र प्रदेश की नई राजधानी के लिए वित्‍त मंत्री अरुण जेटली ने 02.06.2014  तक भू-मालिकों को पूंजी लाभ कर से छूट देने का प्रस्ताव किया।

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