वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आम लोगों को राहत देते हुए साल 2020-21 के बजट में इनकम टैक्स की दरें घटाने की घोषणा की है। इससे उन लोगों को फायदा होगा जिनकी सालाना कमाई 15 लाख रुपये तक है। लेकिन इसके लिए करदाता को छूट के सारे विकल्प छोड़ने पड़ेंगे। उनके पास नई व्यवस्था को अपनाने या पुरानी व्यवस्था में बने रहने का विकल्प होगा। पुरानी व्यवस्था में वे 80सी और अन्य छूट का लाभ ले सकेंगे, लेकिन तब टैक्स की दरें भी पुरानी ही लागू होंगी। इनकम टैक्स के स्लैब भी अब चार के बजाय सात होंगे।
5 लाख रुपये तक आमदनी पर कोई टैक्स नहीं
सालाना 2.5 लाख रुपये तक की आमदनी पर कोई टैक्स नहीं लगता है। 2.5 लाख से 5 लाख रुपये तक की आमदनी पर टैक्स की दर 5% है, लेकिन फरवरी 2019 में पेश अंतरिम बजट में 5 लाख रुपये तक की आमदनी वालों को टैक्स में 12,500 रुपये की राहत दी गई थी। इससे इनके लिए टैक्स की देनदारी शून्य हो गई। यही व्यवस्था आगे भी बनी रहेगी।
इनकम टैक्स के चार की जगह सात स्लैब
पहली बार इनकम टैक्स के सात स्लैब बनाए गए हैं। अब 5-7.5 लाख रुपये तक की आमदनी पर 10%, 7.5-10 लाख रुपये पर 15%, 10-12.5 लाख रुपये पर 20%, 12.5-15 लाख रुपये पर 25% और 15 लाख रुपये से अधिक की आमदनी पर 30% टैक्स की दर लागू होगी। अब तक 5-10 लाख रुपये पर 20% और 10 लाख रुपये से अधिक पर 30% टैक्स देना पड़ता था। इस तरह नई व्यवस्था में 5-7.5 लाख रुपये और 10-12.5 लाख रुपये की कमाई वालों को टैक्स दर में सबसे ज्यादा 10% का फायदा होगा। 15 लाख रुपये तक आय वाले बाकी लोगों को टैक्स में 5% का लाभ मिलेगा।
करदाता के पास नई या पुरानी टैक्स व्यवस्था चुनने का विकल्प
वित्त मंत्री ने कहा कि नई टैक्स व्यवस्था वैकल्पिक होगी। करदाता चाहें तो पुरानी व्यवस्था में बने रह सकते हैं। नई व्यवस्था में कितना लाभ होगा, इसका उदाहरण देते हुए उन्होंने बताया कि अगर किसी की सालाना आय 15 लाख रुपये है और वह किसी भी छूट का लाभ नहीं ले रहा है तो नई व्यवस्था में उसे 78,000 रुपये की बचत होगी। पहले उसे 2.73 लाख रुपये टैक्स देने पड़ते थे, अब 1.95 लाख रुपये देने पड़ेंगे।
70 तरह की छूट खत्म की गईं
वित्त मंत्री के अनुसार अभी तक करीब 100 तरह की छूट (एक्जेंप्शन) और डिडक्शन लागू थीं। इनमें से 70 को इस बार खत्म किया जा रहा है। बाकी पर भी आने वाले दिनों में विचार किया जाएगा। उन्होंने बताया कि नई टैक्स व्यवस्था से सरकार को सालाना 40,000 करोड़ रुपये राजस्व का नुकसान होगा।
टैक्स स्लैब के अनुसार क्या है रेट
इनकम टैक्स स्लैब |
मौजूदा टैक्स रेट |
नया टैक्स रेट |
0-2.5 लाख रु तक |
0 % |
0% |
2.5 लाख से ज्यादा और 5.0 लाख रु तक |
5 % |
5 % |
5 लाख से ज्यादा और 7.5 लाख रु तक |
20 % |
15% |
7.5 लाख से ज्यादा और 10 लाख रु तक |
20 % |
15% |
10 लाख से ज्यादा और 12.5 लाख रु तक |
30 % |
20% |
12.5 लाख रुपये से ज्यादा और 15 लाख तक |
30 % |
20 % |
15 लाख रुपये से ज्यादा |
30 % |
30 % |