वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को उभरते उद्यमियों के वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए 10,000 करोड़ रुपये के कोष के साथ स्टार्टअप के लिए ‘फंड ऑफ फंड्स’ योजना के एक और दौर की घोषणा की।
यह घोषणा इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि सरकार स्टार्टअप के माध्यम से नवाचार को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित कर रही है।
उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) ने अब तक 1.5 लाख से अधिक स्टार्टअप को मान्यता दी है।
स्टार्टअप इंडिया की कार्ययोजना 16 जनवरी 2016 को पेश की गई थी। उसी वर्ष स्टार्टअप की वित्तीय जरूरतों को पूरा करने के लिए 10,000 करोड़ रुपये के कोष के साथ ‘फंड ऑफ फंड्स फॉर स्टार्टअप्स’ (एफएफएस) योजना लाई गई थी।
डीपीआईआईटी एक निगरानी एजेंसी है और भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (सिडबी) एफएफएस के लिए संचालन एजेंसी है।