जानकारी के अनुसार, जीएसटी के लागू होने से पहले इसके (जीएसटी) सहयोगी बिलों को संसद की मंजूरी मिलनी जरूरी है। इसमें कम्पनसेशन लॉ, सेंट्रल-जीएसटी (सी-जीएसटी) और इंटिग्रेटेड जीएसटी (आई-जीएसटी), यूनियन टेरिटरी-जीएसटी (यूटी-जीएसटी) शामिल है। कैबिनेट की मंजूरी के बाद इन बिलों को संसद में रखा जाएगा। इन पांच बिलों में से स्टेट-जीएसटी (एस-जीएसटी) को हर राज्य की विधानसभा की तरफ से पास किया जाना है, जबकि अन्य चार को संसद की तरफ से मंजूरी मिलनी जरूरी है।
सरकार ने नई अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था एक जुलाई से लागू करने का लक्ष्य रखा है। जीएसटी परिषद ने अपनी पिछली दो बैठकों में राज्य जीएसटी (एस-जीएसटी) के साथ चारों विधेयकों को मंजूरी दे दी। मंजूरी के बाद जीएसटी कानूनी रूप से वैध हो जाएगा।