सरकार ने नए साल की पूर्व संध्या पर घोषणा की है कि देश की अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने और 2024-25 तक 5 ट्रिलियन डॉलर (350 लाख करोड़) रुपये जीडीपी का लक्ष्य हासिल करने के लिए अगले पांच साल में 102 लाख करोड़ रुपये बुनियादी क्षेत्र पर खर्च किए जाएंगे।
21 मंत्रालयों को आवंटित होगा पैसा
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को कहा कि सरकार ने इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास पर 51 लाख करोड़ रुपए खर्च किए हैं। यह देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 5-6 फीसदी हिस्सा है। सरकार ने अगले 5 साल में इस पर करीब 102 लाख करोड़ रुपए खर्च करने का लक्ष्य रखा है। इस फंड को 21 मंत्रालयों के बीच आवंटित किया जाएगा। इस फंड से राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास पर काम किया जाएगा।
इन क्षेत्रों में खर्च की तैयारी
इस प्रोजेक्ट के तहत कुल 102 लाख करोड़ रुपए इन्फ्रास्ट्रक्चर सेक्टर पर खर्च किए जाएंगे। इनमें से 25 लाख करोड़ रुपए एनर्जी, 20 लाख करोड़ सड़क निर्माण और 14 लाख करोड़ रुपए रेलवे प्रोजेक्ट पर खर्च होंगे। ये प्रोजेक्ट पीपीपी (पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप) के तहत पूरे होंगे। सीतारमण ने नेशनल इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट लांच किया। इसके बाद उन्होंने बताया कि इसका मकसद 2024-25 तक 5 ट्रिलियन डॉलर की जीडीपी का लक्ष्य हासिल करना है।
निजी क्षेत्र का भी निवेश होगा
वित्त मंत्री ने कहा कि देश में इन्फ्रास्ट्रक्चर का विकास करना सरकार की प्राथमिकता है। इसकी योजनाओं में केंद्र और राज्य सरकारें 39-39% निवेश करेंगी, जबकि निजी क्षेत्र की भागीदारी 22% होगी। 2025 तक निजी क्षेत्र की हिस्सेदारी बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने कहा कि निजी क्षेत्र से निवेश आकर्षित करने के लिए सरकार 2020 की दूसरी छमाही में ग्लोबल इन्वेस्टर्स मीट आयोजित करेगी।