भारत की यात्रा पर आए विश्व बैंक समूह के अध्यक्ष जिम योंग किम ने दिल्ली में वित्त मंत्री अरूण जेटली, बिजली मंत्री पीयूष गोयल तथा वाणिज्य मंत्री निर्मला सीतारमन से मुलाकात की और विभिन्न परियोजनाओं विशेषकर नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्रा में वित्त पोषण बढ़ाने के उपायों पर चर्चा की।
किम ने संवाददाताओं से कहा, छह प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में जो प्रगति हुई है, हम उससे काफी खुश हैं। प्रधानमंत्री मोदी तथा उनका पूरे कैबिनेट ने अत्यंत कठिन और महत्वपूर्ण लक्ष्य तय किये हैं। मुझे यह प्रगति देखकर सुखद आश्चर्य हुआ है। उन्होंने कहा कि भारत के लिए विश्वबैंक द्वारा दिया जाने वाला कर्ज पिछले दो साल में उल्लेखनीय रूप से बढ़ा है और पांच अरब डालर से अधिक रहा और अगले कुछ साल तक यह जारी रहेगा। किम ने कहा, भारत की वृद्धि अब 7.6 प्रतिशत है और वास्तव में एक आकर्षक स्थल है तथा वैश्विक अर्थव्यवस्था में कुछ आकर्षक स्थलों में से एक है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत विकासशील और विकसित देशों के लिये भी एक सीख है। बैठक के बाद संवाददाताओं से बातचीत में जेटली ने कहा कि बैठक में वैश्विक और आर्थिक स्थिति पर चर्चा तथा विश्वबैंक के लिये विकास से जुड़ी परियोजनाओं के वित्त पोषण के अवसर के बारे में चर्चा हुई।
उन्होंने कहा कि कई परियोजनाएं पाइपलाइन में हैं जिसे काफी विकासात्मक वित्त की जरूरत है। उन्होंने यह भी कहा कि विश्वबैंक इन कार्यक्रमों को आगे बढ़कर समर्थन करता रहा है। जेटली ने कहा, व्यापार सुगमता के संदर्भ में हमने विश्वबैंक को अपने विचार दिये। हमने विभिन्न क्षेत्रों में जो प्रगति की है, उसका आकलन करने के लिये उनकी टीम अलग से भारत आएगी। विश्वबैंक की व्यापार सुगमता रिपोर्ट में भारत 189 देशों की सूची में 130वें स्थान पर है। इस सूची में सिंगापुर शीर्ष पर है।