उन्होंने कहा कि देश की बढ़ती आबादी से पैदा चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए उच्च वृद्धि जरूरी है। जेटली ने एक गोष्ठी में अमेरिका-भारत वाणिज्यिक भागीदारी में बढ़ोतरी (मोदी सरकार का पहला वर्ष विषय पर कहा भारत में आने वाले दिनों में नौ से 10 प्रतिशत की वृद्धि को अपना नया सामान्य स्तर बनाने की क्षमता है।
उन्होंने यह टिप्पणी अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष और विश्वबैंक की सालाना बैठक में हिस्सा लेने के लिए पहुंचने के बाद अपने पहले सार्वजनिक भाषण में की। भारत की नई सरकार द्वारा उठाए गए कदमों का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि इसमें राज्यों को और वित्तीय ताकत मुहैया कराना, बुनियादी ढांचे पर निवेश बढ़ाना, विनिर्माण पर जोर आदि के जरिए निवेश के लिए द्वार खोलने का खाका तैयार किया गया है।
उन्होंने इस संबंध में बीमा, रक्षा, रेलवे और रीयल एस्टेट क्षेत्रों का उल्लेख करते हुए कहा कुल मिलाकर भारत में यह स्वागत योग्य कदम है। बहुत कम ऐसे क्षेत्र हैं, लगभग नगण्य, जो बंद हैं। हर क्षेत्र को खोल दिया गया है।
जब घरेलू और अंतरराष्ट्रीय निवेशक दोनों आते हैं तो अगला चरण है एक प्रणाली विकसित करना जिसमें भारत निवेश के लिए आकर्षक बन जाता है। जेटली ने स्वीकार किया कि भूमि सुधार विधेयक, भारत में आज विवादास्पद मुद्दा है।