यह बात मंगलवार को वाणिज्य मंत्रालय ने कही। मंत्रालय ने एक बयान में कहा, भारत का फार्मा निर्यात 2015 में चीन के मुकाबले अधिक रहा। भारत ने चीन पर फार्मा क्षेत्र में अपनी श्रेष्ठता बरकरार रखी।
भारत का फार्मा निर्यात 2015 में 7.55 प्रतिशत बढ़कर 11.66 अरब डालर से 12.54 अरब डालर पर पहुंच गया जबकि चीन का निर्यात 5.3 प्रतिशत बढ़कर 6.94 अरब डालर हो गया। बयान में कहा गया, भारत अमेरिका, अफ्रीका और यूरोपीय संघ जैसे सभी महत्वपूर्ण बाजारों में चीन से आगे रहा। भारत का अमेरिका को फार्मा उत्पादों का निर्यात पिछले साल 23.4 प्रतिशत बढ़कर 4.74 अरब डालर हो गया। दूसरी ओर इसी अवधि में अमेरिका को चीन से होने वाला फार्मा निर्यात 15 प्रतिशत बढ़कर 1.34 अरब डालर हो गया। बयान में कहा गया, भारत ने यूरोपीय संघ और अफ्रीका में भी बढ़त बरकरार रखी जो क्रमश: 1.5 अरब डालर और 3.04 अरब डालर रहा। जबकि चीन के यूरोपीय संघ और अफ्रीका में निर्यात में गिरावट का रुझान रहा। भारत एपीआई आयात के लिए चीन पर बहुत हद तक निर्भर है जो दवाओं के लिए कच्चा माल है। उद्योग और सरकार ने चीन से आयातित एपीआई पर निर्भरता को लेकर चिंता जाहिर की है। भारत जेनेरिक दवाओं का वैश्विक केंद्र है। देश के फार्मा उद्येाग के बाजार का आकार 20 अरब डालर से अधिक होने का अनुमान है।
भाषा (एजेंसी)