देश में चल रहे चुनावी माहौल के बीच राजनीतिक पार्टियां वोटर्स को लुभाने की जुगत में लगी हुई हैं। इस बीच बीते सोमवार को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने एक बड़ी योजना का वादा किया। इस योजना को न्याय स्कीम (NYAY) नाम दिया गया है। NYAY का अर्थ है न्यूनतम आय योजना। इस योजना के तहत 20 फीसदी गरीब परिवारों के खाते में हर साल सीधे 72 हजार रुपये दिए जाने की बात कही गई है। स्कीम के ऐलान के बाद बुधवार को पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने इस योजना के बारे में विस्तार से जानकारी दी और समझाया कि किस तरह इस योजना को लागू किया जा सकता है और किन लोगों को इस योजना का लाभ मिल सकता है।
तो आइए जानते हैं कैसे लागू होगी राहुल गांधी के न्यूनतम आय वाली योजना, कैसे लोगों को मिलेगा इसका लाभ-
चिदंबरम ने बुधवार को कहा कि 21वीं सदी में हर सरकार की नैतिक जिम्मेदारी है कि देश के सबसे गरीब लोगों को आगे ले जाने के लिए काम करें।
- पी चिदंबरम ने बताया कि पहले कांग्रेस सरकार गरीबों की पहचान करेगी। इसके बाद वह 20 फीसदी आबादी की पहचान करेगी, जिसके बाद इस योजना के तहत ऐसे 5 करोड़ परिवारों को लाभ मिलेगा। 5 करोड़ परिवार के आधार पर तकरीबन 25 करोड़ आबादी को इस योजना से लाभ मिलेगा।
- चिदंबरम ने कहा कि हमने हर स्तर पर इसको लेकर मंथन किया है, इसके तहत हर महीने एक परिवार को 6000 रुपये प्रति महीना यानी 72000 रुपये सालाना दिया जाएगा
- पूर्व वित्त मंत्री ने कहा कि रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन का मानना है कि इस योजना को लागू करना संभव है।
- इस योजना के लिए आवंटन सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 1.8 प्रतिशत के बराबर रहने की उम्मीद है।
- चिदंबरम के मुताबिक कांग्रेस सरकार के 1991 के उदारीकरण के फैसले की वजह से आज इस तरह की स्कीम को लागू करने की स्थिति बन सकी।
- चिदंबरम ने बताया कि इस स्कीम के लागू होने के बाद 2019-2024 में भारत की जीडीपी में दोगुना इजाफा होगा।
- चिदंबरम ने बताया कि भारत की जीडीपी 200 लाख करोड़ से 400 लाख करोड़ पर पहुंच जाएगा। NYAY स्कीम लागू करने से भारत की जीडीपी का डेढ़ फीसदी खर्च आएगा।
जानें क्या है न्याय स्कीम
'न्याय स्कीम' योजना के तहत हर गरीब परिवार की मासिक कमाई 12 हजार रुपये तक पहुंचाई जाएगी। उदाहरण के लिए अगर आपकी आय 7000 रुपये मासिक है तो फिर कांग्रेस सरकार की ओर से 5000 रुपये दिए जाएंगे। वहीं, अगर आपकी मासिक आय 2 हजार रुपये है तो कांग्रेस की सरकार आपको 10 हजार रुपये देकर 12 हजार रुपये की न्यूनतम आय की श्रेणी में लाने का काम करेगी। हालांकि आपकी न्यूनतम आय 12 हजार रुपये को पार कर जाती है तो आप इस सुविधा के हकदार नहीं रहेंगे।