नई दिल्ली। प्रमुख कार निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड ने करीब डेढ दशक बाद एक बड़ी कामयाबी हासिल की है। न सिर्फ भारत में बिकने वाली हर दूसरी कार मारुति सुजुकी है बल्कि कंपनी ने 14 साल की सर्वाधिक बाजार हिस्सेदारी हासिल कर ली है। अस्सी के दशक से शुरू हुआ मारुति का सफर कई उतार-चढ़ाव के बावजूद नए-नए मील के पत्थर तय कर रहा है। मारुति सुजुकी ने पिछले महीने 22.55 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज करते हुए एक लाख 10 हजार कारें बेचीं जबकि इस दौरान सभी कंपनियों की कुल कुल 2 लाख 22 हजार कारें बिकी हैं।
भारतीय उपभोक्ताओं को कार के नए मायने देने वाले मारुति मेक इन इंडिया के लिए बड़ी प्रेरणा साबित हो रही है। वाहन निर्माता कंपनियों की संस्था सियाम की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार, गत अप्रैल से जुलाई के दौरान मारुति सुजुकी ने वर्ष 2001-02 के बाद बाजार में सर्वाधिक हिस्सेदारी हासिल की है। इस दौरान कंपनी 4.16 लाख कारें बेच चुकी है जो इस दौरान देश में बिके कुल यात्री वाहनों का 47.51 फीसदी और कुल कारों का 53.9 फीसदी है। जुलाई के दौरान मारुति सुजुकी ने ऑल्टो और वैगनआर का रिकॉर्ड उत्पादन किया और एक महीने में एक लाख 33 हजार कारें बनाई हैं।
हालांकि, ये फैक्ट्री से निकली कारों की कुल बिक्री के आंकड़ें हैं, इसमें घरेलू बिक्री और निर्यात दोनों शामिल हैं। इसलिए इन आंकड़ों से घरेलू बाजार में कारों की बिक्री का अंदाजा लगाना मुश्किल है। लेकिन बिक्री में सुस्ती से जूझ रहे भारतीय कार बाजार में मारुति की कामयाबी जोश भर सकती है। जुलाई में मारुति की बिक्री में आए उछाल कर कारण त्यौहारी सीजन से पहले डीलरों की ओर से की गई अधिक खरीद भी हो सकती है। इसके अलावा मारुति के हाल में लांच हुए एस-क्रास और सिलेरियो डीजल से भी बिक्री बढ़ाने में मदद मिली होगी। पिछले पांच साल में कार बाजार में मारुति सुजुकी की बाजार हिस्सेदारी 42.4 फीसदी से बढ़कर 53.9 फीसदी तक पहुंच गई है जबकि इस दौरान ह्यूंदै मोटर्स की हिस्सेदारी 14.78 फीसदी से बढ़कर 17 फीसदी और होंडा की हिस्सेदारी 2.07 फीसदी से बढ़कर 7.20 फीसदी हुई है। यानी देश की तीन प्रमुख कार निर्माता कंपनियों की बाजार हिस्सेदारी पिछले पांच साल के दौरान बढ़ रही है। जाहिर है टाटा मोटर्स, जनरल मोटर्स और फिएट जैसी बाकी कंपनियों की बाजार हिस्सेदारी इस दौरान घटी है।