चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही अक्टूबर-दिसंबर 2019 में आर्थिक विकास दर 4.7 फीसदी रही है जबकि पिछले साल समान अवधि में विकास दर 4.5 फीसदी रही थी। उधर, वित्त मंत्रालय ने कहा है कि अर्थव्यवस्था सुस्ती के दौर से बाहर निकल आई है।
पूरे वित्त वर्ष में 5 फीसदी विकास दर का अनुमान
सांख्यकीय और कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय ने बयान जारी करके कहा है कि चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में स्थिर मूल्य (2011-12) पर सकल घरेलू उत्पादन 36.65 लाख करोड़ रुपये रहा जबकि पिछले साल समान अवधि में जीडीपी 35 लाख करोड़ रुपये रहा था। शुक्रवार को जारी आंकड़ों से पता चलता है कि दूसरे अग्रिम अनुमानों में पूरे वित्त वर्ष के लिए आर्थिक विकास दर पांच फीसदी रहने की संभावना है। बीते वित्त वर्ष में जीडीपी की विकास दर 6.8 फीसदी रही थी।
प्रति व्यक्ति आय 3.9 फीसदी बढ़ी
चालू वित्त वर्ष में रियल टर्म पर प्रति व्यक्ति आय (2011-12 के मूल्य पर) 95,706 रुपये रहने का अनुमान है जबकि पिछले साल यह 92,085 रुपये रही थी। इस तरह प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि 3.9 फीसदी रही जबकि पिछले साल 4.8 फीसदी रही थी। मौजूदा मूल्य पर प्रति व्यक्ति आय चालू वित्त वर्ष में 134,432 रुपये रहने का अनुमान है। जबकि पिछले साल यह 126,521 रुपये थी। इस तरह इसमें 6.3 फीसदी वृद्धि दर्ज की गई।
अब कोरोना वायरस की चुनौती
अर्थव्यवस्था में सुस्ती लंबी खिंचने के बाद सुधार की उम्मीद दिखी थी लेकिन कोरोना वायरस नया संकट बन सकता है क्योंकि इसका असर वैश्विक व्यापार, उत्पादन और विकास दर पर पड़ने की आशंका है। सरकार ने पिछले कुछ महीनों में विकास दर सुधारने के लिए कई उपाय किए थे। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि अर्थव्यवस्था में सुधार के संकेत दिख रहे हैं। वह बार-बार कहती रही हैं कि अर्थव्यवस्था के फंडामेंटल मजबूत हैं और सरकार आर्थिक बेहतरी के लिए और कदम उठाने के खिलाफ नहीं है। लेकिन कई अर्थशास्त्री कहते हैं कि चीन में कोरोना वायरस फैलने के कारण भारतीय अर्थव्यवस्था पर दबाव रहेगा।
कोर सेक्टर से भी सुधार के संकेत
आर्थिक मामलों के सचिव अतानु चक्रवर्ती ने आंकड़े जारी होने के बाद संवाददाताओं को बताया कि आर्थिक विकास दर में गिरावट का दौर खत्म हो चुका है। दिसंबर तिमाही में विकास दर 4.7 फीसदी रही है। सचिव ने कहा कि दिसंबर और जनवरी में कोर सेक्टर में भी ग्रोथ दिखाई दी है। इससे जनवरी-मार्च तिमाही में मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर में रिकवरी के संकेत मिले हैं। कोरोना वायरस के अर्थव्यवस्था पर असर के बारे में उन्होंने कहा कि यह अनफोल्डिंग स्टोरी है। कोरोना वायरस के खतरे से आशंकित शेयर बाजार शुक्रवार को भारी गिरावट दर्ज की गई और बाजार पांच महीने के निचले स्तर पर पहुंच गया।