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आईएमएफ ने चीन संकट पर चिंता जताई, भारत को सलाह दी

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने एशिया-प्रशांत क्षेत्र के अपने वार्षिक आर्थिक आउटलुक अपडेट में चीन और भारत की अर्थव्यवस्‍थाओं की समीक्षा की है। वैश्विक संस्‍था ने एक ओर जहां चीन की अर्थव्यवस्‍था में आई गिरावट पर चिंता जताते हुए कहा है कि इसका पूरे एशिया प्रशांत क्षेत्र पर असर पड़ेगा वहीं भारत के बारे में कहा है कि और तेज विकास के लिए उसे कड़े आर्थिक सुधारों के दूसरे चरण की शुरुआत करनी होगी।
आईएमएफ ने चीन संकट पर चिंता जताई, भारत को सलाह दी

आईएमएफ और विश्व बैंक की वार्षिक बैठक के इतर पेरू की राजधारी लीमा में वार्षिक अपडेट जारी करते हुए संस्‍था ने वर्ष 2015 में भारत की अनुमानित विकास दर 7.5 प्रतिशत से घटकर 7.3 प्रतिशत रहने के अनुमान के बीच देश को आर्थिक सुधारों के अगले चरण की शुरुआत करने और तेज तथा ज्यादा समावेशी विकास हासिल करने के लिए अपने कारोबारी माहौल को और सुधारने की सिफारिश की।

आईएमएफ ने कहा, भारत में हाल में कई तरह के नीतिगत कदम उठाए गए हैं लेकिन आगे खासकर ऊर्जा, खनन और बिजली सेक्टरों के साथ श्रम और उत्पाद बाजार सुधारों में लंबित आपूर्ति अवरोधों को दूर करने की दिशा में कदम उठाए जाने के साथ तेज तथा समावेशी विकास का लक्ष्य हासिल करने के लिए कारोबारी माहौल में सुधार जरूरी है। आर्थिक आउटलुक अपडेट में आईएमएफ ने 2015 में भारत की विकास दर में मामूली कमी करते हुए इसे 7.5 प्रतिशत से घटाकर 7.3 कर दिया है और 2016 के लिए विकास दर को 7.5 प्रतिशत ही रखा गया है।

दूसरी ओर आईएमएफ ने चेतावनी दी है कि चीन की अर्थव्यवस्था में आई तेज गिरावट का नकारात्मक असर केवल विश्व की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था पर ही नहीं बल्कि शेष एशिया प्रशांत क्षेत्र में भी काफी पड़ेगा। आर्थिक आउटलुक अपडेट में मुद्रा कोष ने कहा,  चीनी अर्थव्यवस्था के विशाल आकार को देखते हुए वहां नकारात्मक विकास के झटके का असर शेष एशिया प्रशांत में भी काफी पड़ेगा। रिपोर्ट में कहा गया है कि इस प्रकार का झटका सुधारों को पूर्णत: लागू करने में असफलता या वित्तीय झटकों के कारण लग सकता है जो घरेलू वित्तीय नुकसान को नियंत्रित करने के लिए उठाए गए कदमों को कम प्रभावी बना सकते हैं।

आईएमएफ ने कहा कि चीन की अर्थव्यवस्था को पुनर्संतुलित करने के लिए जारी प्रयास भी मांग में आई तेज गिरावट के कारण अपेक्षा से कम प्रभावी साबित हो सकते हैं। संस्‍था ने कहा,  चीन और शेष एशिया के बीच व्यापारिक एवं वित्तीय संबंधों के बारे में अर्थमितीय अनुमान से यह असर काफी बड़ा हो सकता है। चीन के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में एक प्रतिशत की गिरावट से एशिया की जीडीपी विकास दर में 0.3 प्रतिशत की गिरावट आएगी।

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