एक सूत्र के मुताबिक, विप्रो के सीईओ टीके कुरियन ने सोमवार को फ्रैंकफर्ट में एक कार्यक्रम में कहा कि कर्मचारियों की संख्या में कमी होगी। सूत्र ने बताया कि सीईओ ने स्पष्ट किया कि मुख्य जोर छंटनी पर नहीं है बल्कि व्यापक क्षमता प्राप्त करने पर है। बेंगलूरू आधारित इस कंपनी की 31 मार्च 2015 को कार्यबल की क्षमता 1, 58, 217 थी।
विप्रो में कर्मचारियों की छंटनी
भारत की तीसरी सबसे बड़ी आईटी सेवा प्रदाता कंपनी विप्रो को अगले तीन साल में अपने कर्मचारियों की संख्या करीब 47,000 कम होने की उम्मीद है।
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