मिली जानकारी के अनुसार जिलाधिकारी को इस तरह की शिकायतें मिली थीं कि कई दुकानदार दस रुपये का सिक्का लेने से इनकार कर रहे हैं। इन शिकायतों के मद्देनजर जब उन्होंने अपने आदमियों को भेज कर उसकी जांच करना चाहा तो उनके साथ भी उसी तरह से पेश आए अर्थात सिक्के लेने से इनकार कर दिया। पहले से सतर्क जिला प्रशासन की टीम ने ऐसा करने वालों पर रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के नियमों का उल्लंघन के आरोप में कानूनी कार्रवाई की। इन सभी ५७ दुकानदारों के विरुद्घ भारतीय मुद्रा (इंडियन करेंसी) के बहिष्कार के जुर्म संबंधी धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। कानून के जानकार बताते हैं कि भारतीय मुद्रा बहिष्कार मामले में २०,०००रुपये जुर्माना से १७ साल की सजा तक का प्रावधान है। आज प्रातः तक की सूचना के मुताबिक फैजाबाद में किराना की पांच दुकानों, छह इलेक्ट्रानिक गुड्स की, क्रमशः आठ सराफा की व आठ मेडिकल स्टोर के साथ ही १४ दूध की डेरियों और १६ सब्जी की दुकानों समेत ५७ लोगों पर कार्रवाई की गई है। हालांकि इस बारे में संबंधित दुकानदारों का यह कहना है कि पिछले कुछ महीनों से नकली सिक्कों के बाजार में आने की चर्चाओं और नकली सिक्के बनाने वालों की धर-पकड़ की खबरों की वजह से हमने सतर्कतावश ऐसा किया।
दस रुपये का सिक्का लेने से इनकार करने पर ५७ के खिलाफ कार्रवाई
दिल्ली, एनसीआर और आसपास के इलाके में दस रुपये के नकली सिक्कों के चलन और उनसे संबंधित पकड़-धकड़ की हलचल चल ही रही थी कि इस बीच उत्तर प्रदेश फैजाबाद में सिक्के लेने से इनकार करने पर करीब ५७ दुकानों को सील कर उनके खिलाफ कानूनी कदम उठाते हुए मुकदमा व जुर्माना आदि की कार्रवाई किए जाने की खबर आई है।
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