लंबे समय से आर्थिक से जूझ रही जेट एयरवेज ने अस्थायी रूप से परिचालन बंद करने की घोषणा कर दी है। बैंकों ने 400 करोड़ रुपये का इमर्जेंसी फंड देने से इनकार कर दिया, जिसके बाद कंपनी ने कहा कि सभी घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को तत्काल प्रभाव से रद्द किया जा रहा है। कंपनी के पास ईंधन और अन्य खर्चों के लिए धन की कमी है। बताया जा रहा है कि कंपनी की आखिरी फ्लाइट आज रात 10:30 उड़ेगी। कंपनी ने जल्द ही फिर यात्रियों की सेवा कर पाने की उम्मीद जताई है।
8 हजार करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज
कर्मचारियों को सैलरी नहीं दे पा रही कंपनी के पास शटडाउन के अलावा कोई विकल्प नहीं बच गया था। सरकार इस मामले में अब हस्तक्षेप नहीं कर रही है। मंगलवार को हुई बैठक में कंपनी के बोर्ड ने सीईओ विनय दुबे को आखिरी फैसला लेने के लिए अधिकृत किया था। भारी कर्ज में फंस चुकी कंपनी के 5 ही विमान इस समय संचालन में रह गए थे। 25 साल पुरानी एयरलाइन कंपनी पर 8 हजार करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज है।
अंतरराष्ट्रीय उड़ानें पहले ही स्थगित
जेट एयरवेज पहले ही अपने अंतरराष्ट्रीय परिचालन को 18 अप्रैल तक स्थगित करने की घोषणा कर चुकी है। जेट एयरवेज ने मंगलवार को कहा है कि उसे एसबीआई की अगुवाई वाले बैंकों के गठजोड़ से इमर्जेंसी कैश सपॉर्ट का इंतजार है, जिससे वह अपनी सेवाओं में आ रही गिरावट को रोक सके। बंबई शेयर बाजार को भेजी सूचना में कंपनी ने कहा था कि वह अपने निदेशक मंडल के साथ विचार विमर्श कर रही है। उसकी आपात नकदी के सहयोग के लिए ऋणदाताओं के साथ बातचीत चल रही है।