अनिल धीरूभाई अंबानी ग्रुप के चेयरमैन अनिल अंबानी एक दशक पहले तक 42 करोड़ डॉलर की नेट संपत्ति के साथ दुनिया के सबसे अमीर लोगों में शुमार थे। लेकिन अब हो सकता है कि जल्द ही वह अरबपतियों की सूची से बाहर हो जाएं।
दरअसल, अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक मंगलवार को दलाल स्ट्रीट पर कारोबार बंद होने के वक्त, अनिल अंबानी के मालिकाना हक वाले रिलायंस ग्रुप कंपनियों का संयुक्त मार्केट कैपिटलाइजेशन महज 5,400 करोड़ रुपये (करीब 773 मिलियन डॉलर) रह गया।
अनिल अंबानी के पास अपने ग्रुप की सभी 6 कंपनियों- रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर, रिलायंस नवल एंड इंजीनियरिंग, रिलायंस कैपिटल, रिलायंस पावर, रिलायसं होम फाइनैंस और रिलायंस कम्युनिकेशंस में 75 फीसदी शेयर हैं। उनके ग्रुप में लिस्टेड कंपनियों की मार्केट वैल्यू देखें तो अंबानी भाइयों में छोटे अनिल अंबानी की संपत्ति बिलियन-डॉलर से कम होगी।
गौरतलब है कि अनिल अंबानी ने पिछले मंगलवार को कहा था कि उनके ग्रुप ने पिछले 14 महीनों के दौरान 35,000 करोड़ रुपए से ज्यादा का कर्ज लौटाया है। उन्होंने दावा किया कि भविष्य के सभी भुगतान दायित्वों को समय पर पूरा किया जाएगा। अंबानी ने म्यूचुअल फंड ज्वाइंट वेंचर रिलायंस निप्पन लाइफ असेट मैनेजमेंट (आरएनएलएएम) में पिछले सप्ताह अपनी 42.88 प्रतिशत हिस्सेदारी बेची है, जो ग्रुप के बाजार मूल्य में आई तेज गिरावट का एक प्रमुख कारण है।
वहीं ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अब चाइना डेवलपमेंट बैंक, इंडस्ट्रियल बैंक ऑफ चाइना और एक्जिम बैंक ऑफ चाइना सहित कई चीनी लेंडर्स ने भी अनिल अंबानी के स्वामित्व वाली रिलायंस कम्युनिकेशंस से लगभग 2.1 अरब डॉलर (लगभग 15 हजार करोड़ रुपए) की डिमांड की है। आरकॉम पर बीते साल ही बैंकरप्सी की कार्रवाई शुरू हुई थी।
खास बात है कि 2008 में अनिल अंबानी दुनिया के छठे सबसे रईस व्यक्ति थे। अनिल अंबानी की घटती दौलत से पता चलता है कि 2008 में उनके पास 42 बिलियन डॉलर की संपत्ति थी। तब से लगातार उनकी संपत्ति कम हुई है। 2008 के आखिर और 2009 की शुरुआत में वैश्विक मंदी के वक्त उनकी संपत्ति में 75 प्रतिशत की कमी आई। 2009 के मध्य तक उनकी संपत्ति घटकर करीब 10 बिलियन डॉलर रह गई।