आईफोन बनाने वाली अमेरिकी कंपनी एपल गुरुवार को एक लाख करोड़ डॉलर (लगभग 68,620 अरब रुपये) की कंपनी बन गई। अप्रैल-जून तिमाही के परिणाम आने के बाद कंपनी के शेयर 2.8 फीसदी चढ़कर 207.05 डॉलर पहुंच गए। जिसके बाद इसमें मंगलवार से अब तक 9 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी हुई। एपल ने मंगलवार को ही अपने नतीजों की घोषणा की थी। बुधवार को ऐपल के शेयर में 6 फीसदी तेजी आई। इसके बाद गुरुवार को कुछ गिरावट आई, लेकिन ऐसा ज्यादा देर नहीं हुआ और तेजी लौट आई।
भारत की अर्थव्यवस्था का लगभग 38 प्रतिशत
एपल की एक लाख करोड़ डॉलर की मार्केट वैल्यू भारत की अर्थव्यवस्था का लगभग 38 प्रतिशत है। हाल में भारत लगभग 2.6 ट्रिलियन डॉलर की जीडीपी के साथ फ्रांस को पीछे छोड़ दुनिया की छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला देश बना था।
खरीद सकती है तीन पाकिस्तान!
पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था का आकार लगभग 304 अरब डॉलर के आस-पास है। ऐसे में एपल की तुलना यदि पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था से की जाए तो वह अकेले ही 3 से ज्यादा पाकिस्तान खरीद सकती है।
177 देशों से ज्यादा अमीर
एपल कंपनी की वैल्यू इस समय लगभग इंडोनेशिया की जीडीपी के बराबर है। विश्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार, दुनिया के 193 देशों में से केवल 16 ही देश हैं जिनकी जीडीपी एपल की मार्केट कैप से अधिक है, यानी एपल 177 देशों से ज्यादा अमीर है।
भारत की दो बड़ी कंपनियों से 10 गुना बड़ी
एपल भारत की दो सबसे बड़ी कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड और टीसीएस से करीब 10 गुना बड़ी कंपनी है। हाल ही में टीसीएस और रिलायंस इंडस्ट्री बिलियन डॉलर की कंपनियां बनी हैं।
एक गैराज से हुई थी शुरुआत
एपल के सह संस्थापक स्टीव जॉब्स ने 1976 में एक गैराज से इसकी शुरुआत की थी। 2011 में उनके निधन के बाद से टिम कुक कंपनी के मुखिया हैं। कंपनी की स्टॉक मार्केट वैल्यू, एक्सॉन मोबिल, प्रॉक्टर एंड गैंबल और एटीएंडटी की संयुक्त पूंजी से भी ज्यादा है। दूसरे नंबर पर अमेजन है जिसका मार्केट कैप 869 अरब डॉलर है।