सरकारी बैंकों के अधिकारियों की यूनियनों ने वित्त सचिव राजीव कुमार के आश्वासन के बाद प्रस्तावित दो दिवसीय हड़ताल टाल दी है। बता दें कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक अधिकारियों की चार यूनियनों ने 10 सरकारी बैंकों के विलय की घोषणा के विरोध में 26 और 27 सितंबर को हड़ताल का ऐलान किया था। बैंकों की हड़ताल की के कारण सितंबर महीने के आखिरी हफ्ते के चार दिन प्रभावित हो रहे थे।
सोमवार को एक संयुक्त बयान में कहा गया है कि वित्त सचिव ने सभी चिंताओं को लेकर एक समिति के गठन के मुद्दे पर सकारात्मक रुख दिखाया है। यह समिति दस बैंकों के प्रस्तावित एकीकरण से संबंधित मुद्दों पर गौर करेगी। इसमें सभी बैंकों की पहचान बरकरार रखने का मुद्दा भी है।
‘26 और 27 सितंबर को बैंकों का सामान्य कामकाज नहीं होगा प्रभावित’
बयान में कहा गया है कि इस बातचीत के बाद हड़ताल के आह्वान को वापस लेने की अपील की गई। बयान में कहा गया है कि वित्त सचिव के साथ एक सकारात्मक और कार्ययोग्य समाधान पर बातचीत के बाद 48 घंटे की हड़ताल को टाल दिया गया है। इससे अब 26 और 27 सितंबर को बैंकों का सामान्य कामकाज प्रभावित नहीं होगा।
इन यूनियनों ने की थी हड़ताल की घोषणा
इससे पहले इंडियन बैंक्स एसोसिएशन (आईबीए) ने एसबीआई को सूचित किया था कि आल इंडिया बैंक आफिसर्स कनफेडरेशन (एआईबीओसी), आल इंडिया बैंक आफिसर्स एसोसिएशन (एआईबीओए), इंडियन नेशनल बैंक आफिसर्स कांग्रेस (आईएनबीओसी) और नेशनल आर्गेनाइजेशन आफ बैंक आफिसर्स (एनओबीओ) 26 और 27 सितंबर को बैंक कर्मचारियों की अखिल भारतीय हड़ताल का आह्वान किया है।
सरकार ने किया था ये ऐलान
सरकार ने 10 राष्ट्रीयकृत बैंकों का विलय कर चार बड़े बैंक बनाने का ऐलान किया है। इसके तहत यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया और ओरियंटल बैंक ऑफ कॉमर्स का विलय पंजाब नेशनल बैंक में किया जाएगा। इसके बाद अस्तित्व में आने वाला बैंक सार्वजनिक क्षेत्र का दूसरा सबसे बड़ा बैंक होगा। इसी प्रकार सिंडिकेट का विलय केनरा बैंक में किया जाएगा। इलाहाबाद बैंक का विलय इंडियन बैंक में होना है, वहीं आंध्रा बैंक और कॉरपोरेशन बैंक को यूनियन बैंक ऑफ इंडिया में मर्ज हो जाएगा।