कंपटीशन कमीशन ऑफ इंडिया (सीसीआइ) ने जांच में पता लगाया है कि जयप्रकाश एसोसिएट्स लि. (जेएलएल) ने बाजार में अपनी मजबूत स्थिति का नाजायज फायदा उठाया। सीसीआइ ने जेएलएल के कारोबार करने के तरीकों में कंपटीशन एक्ट, 2002 के अनुच्छेद 4 के प्रावधानों का उल्लंघन हुआ। इसके लिए कंपनी पर 13.82 करोड़ रुपये जुर्माना लगाया गया है।
विला, एस्टेट होम्स खरीदारों पर एकतरफा शर्तें
सीसीआइ को पता चला कि जेएएल ने नोएडा और ग्रेटर नोएडा में विश टाउन और जेपी ग्रींस के आवंटियों पर अनुचित और भेदभावपूर्ण शर्तें लगाईं। कंपनी ने इंटिग्रेटेड टाउनशिप में विला और एस्टेट होम्स जैसी स्वतंत्र आवासीय इकाइयों में गलत शर्तें थोपीं।
शर्तों से बिल्डर को फायदा, खरीदारों को नुकसान
एक खरीदार आरोप लगाया था कि कंपनी ने एकतरफा शर्तें लागू जो कंपनी के पक्ष में थीं। इस शिकायत पर सुनवाई करके सीसीआइ ने आदेश जारी किया है। जांच में आयोग को पता चला कि कंपनी द्वारा लागू की गई शर्तें और नियम एकतरफा थे। इनसे बिल्डर कंपनी को फायदा और उपभोक्ताओं को नुकसान होता है।
जेएएल की कई शर्तें नियम विरुद्ध
जांच में खुलासा हुआ कि कई शर्तें अस्पष्ट रखी गई और उनमें खरीदारों को कोई वास्तविक अधिकार नहीं दिया गया। तय समय पर आवासीय इकाई का पजेशन दिए बगैर खरीदारों से कीमत और शुल्क की वसूल करने, अतिरिक्त निर्माण करने, ले-आउट प्लान में बदलाव, तमाम तरह के कई चार्ज लगाने, खरीदारों से परामर्श किए बगैर बैंक और वित्तीय संस्थानों से पैसा उठाने का अधिकार अपने पास रखने जैसी गतिविधियां कंपटीशन एक्ट के नियमों के विरुद्ध मानी गईं।
कंपनी को तत्काल शर्तें बदलने का आदेश
कमीशन ने कंपनी को इन गतिविधियों को तत्काल बंद करने यानी शर्तों में बदलाव करने का भी आदेश दिया है। कमीशन ने माना कि जेएएल ने कानून के अनुच्छेद 4 के प्रावधानों का उल्लंघन किया। इस वजह से कंपनी पर 13.82 करोड़ रुपये जुर्माना लगाने का फैसला किया गया। बाजार में स्वतंत्र आवासीय इकाइयों की बिक्री से प्राप्त औसत राजस्व पर 5 फीसदी की दर से जुर्माना लगाया गया है।