अब सभी तरह के राशन कार्डधारकों को उज्ज्वला योजना के तहत मुफ्त एलपीजी गैस कनेक्शन मिलेगा। यानी अब सभी गरीब परिवार योजना का लाभ उठा सकेंगे। कैबिनेट मीटिंग में हुए इस फैसले की जानकारी केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने दी।
उन्होंने कहा, ‘प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के एलपीजी कनेक्शन 5,86,000 लाभार्थियों तक पहुंचे हैं। कैबिनेट ने आज फैसला लिया है कि योजना को यूनिवर्सल किया जाए। गरीब परिवार, जिनके पास एलपीजी गैस सिलेंडर नहीं है, उन्हें एप्लीकेशन देना होगा और एक सेल्फ-डिक्लेरेशन देना होगा। इस कदम से गैस सिलेंडर 100 फीसदी घरों तक पहुंचाने में मदद मिलेगी।‘
पहले ये सुविधाएं 2011 की सामाजिक-आर्थिक जाति जनगणना के आधार पर दी जा रही थीं। तब योजना में गरीबी रेखा से नीचे के परिवारों को लाभ देने की बात थी। बाद में इसे बढ़ाकर अनुसूचित जाति एवं जनजाति परिवारों के अलावा प्रधानमंत्री आवास योजना एवं अंत्योदय योजना के लाभार्थियों को भी शामिल कर दिया गया था। अब इसे बढ़ाकर सभी गरीब परिवारों को शामिल कर दिया गया है।
पेट्रोलियम मिनिस्ट्री की वेबसाइट के मुताबिक, भारत सरकार हर योग्य बीपीएल परिवार को प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (PMUY) में 1600 रुपये की आर्थिक सहायता देती है। यह रकम गैस कनेक्शन खरीदने के लिए होती है। इसके साथ ही चूल्हा खरीदने और पहली बार सिलेंडर भराने में आने वाले खर्च को अदा करने के लिए किस्त की सुविधा भी मिलती है।
पांच करोड़ परिवारों का था लक्ष्य
मई 2016 में गरीब परिवारों को खाना बनाने के लिए साफ ईंधन उपलब्ध कराने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना शुरू की गई थी। तब 3 साल के भीतर 5 करोड़ परिवारों को मुफ्त एलपीजी कनेक्शन उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया था। तब 2011 में हुई सामाजिक आर्थिक और जातिगत जनगणना में गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले परिवारों को इसका लाभ देना सुनिश्चित किया गया था। इसके लिए सरकार ने 8000 करोड़ रुपए का बजट आवंटित किया था। यह लक्ष्य निर्धारित समय से पहले ही पूरा कर लिया गया था।
9.27 करोड़ हैं राशन कार्डधारक
योजना की सफलता को देखते हुए पिछले बजट के दौरान वित्तमंत्री ने इसके लिए 4800 करोड़ रुपए का अतिरिक्त आवंटन किया। इसके साथ लक्ष्य भी बढ़ाया गया और 2020 तक 8 करोड़ परिवारों को लाभ देना सुनिश्चित किया गया। अभी तक इस योजना के तहत 5.8 करोड़ परिवार लाभ ले चुके हैं, जो 8 करोड़ परिवारों के लक्ष्य से काफी कम है। यह देखते हुए सरकार ने इसे सभी गरीबों के लिए खोलने का निर्णय लिया है। गौरतलब है कि, देश भर में करीब 9 करोड़ 27 लाख राशन कार्डधारक हैं। नए बदलाव के बाद करोड़ों लोगों को इस स्कीम का फायदा मिलेगा।