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खाद्य पदार्थों के दामों में गिरावट से लुढ़की महंगाई

मुद्रास्फीति के जून के आंकड़ों में भारी गिरावट देखी गई है, इस दौरान यह 1.54 फीसदी रही, जबकि पिछले साल के समान महीने में यह 5.77 फीसदी थी।
खाद्य पदार्थों के दामों में गिरावट से लुढ़की महंगाई

देश के खुदरा या उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित मुद्रास्फीति के जून के आंकड़ों में गिरावट देखी गई है, इस दौरान यह 1.54 फीसदी रही, जबकि पिछले साल के समान महीने में यह 5.77 फीसदी थी। बुधवार को इससे संबंधित आधिकारिक आंकड़े जारी किए गए।

जून की खुदरा मुद्रास्फीति के आंकड़ों में पिछले महीने (मई) के तुलना में भी गिरावट देखी गई। मई में यह 2.18 फीसदी थी। खाद्य पदार्थों के दामों में गिरावट से महंगाई दर में मई में काफी गिरावट दर्ज की गई है। खुदरा या उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) पर आधारित महंगाई दर मई में घटकर 2.18 फीसदी रही थी। आधिकारिक आंकड़ों से इसी साल के अप्रैल में महंगाई दर 2.99 फीसदी रही थी।

उपभोक्ता खाद्य मूल्य सूचंकाक में (सीएफपीआई) मई में अपस्फीति देखी गई और यह नकारात्मक 1.05 फीसदी रही, जबकि साल 2016 की समान अवधि में यह 7.45 फीसदी पर थी। इसमें कमी आने का मुख्य कारण दालों, अनाजों और खराब होने वाली वस्तुओं की कीमतों में हुई गिरावट है। मई में सब्जियों की कीमतों में पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 13.44 फीसदी की गिरावट आई, दालों की कीमत में 19.44 फीसदी की तेज गिरावट आई। समीक्षाधीन माह में खाद्य पदार्थ और बेवरेज की कीमतों में पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 0.22 फीसदी की गिरावट आई।

<blockquote class="twitter-tweet" data-lang="en"><p lang="en" dir="ltr">CPI number for June(1.54%)a historic low,reflects firm&amp;ongoing consolidation of macroeconomic stability:A Subramanian,Chief Economic Advisor <a href="https://t.co/BjntXMxNQJ">pic.twitter.com/BjntXMxNQJ</a></p>&mdash; ANI (@ANI_news) <a href="https://twitter.com/ANI_news/status/885121743672586240">July 12, 2017</a></blockquote>
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गैर खाद्य पदार्थ श्रेणी में ईधन और बिजलीके क्षेत्र में सबसे ज्यादा 5.46 फीसदी की मुद्रास्फीति दर रही। ग्रामीण सीपीआई की दर मई में बढ़कर 2.30 फीसदी रही, जबकि शहरी क्षेत्रों में खुदरा महंगाई दर 2.13 फीसदी रही। साल 2012 के बाद से मुद्रास्फीति की दर में यह सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की गई है। इस संबंध में पिछले हफ्ते भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने वित्त वर्ष 2017-18 की अपनी दूसरी द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा में प्रमुख ब्याज दर में कोई बदलाव नहीं किया और इसे 6.25 फीसदी पर बरकरार रखा था। अब महंगाई दर के नये आंकड़े आने के बाद आरबीआई पर ब्याज दर घटना का दबाव बढ़ सकता है। 

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