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एक अप्रैल से लागू होगी ई-वे बिल की व्यवस्था

वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के प्रावधानों के तहत एक राज्य से दूसरे राज्य में सामान ले जाने के लिए...
एक अप्रैल से लागू होगी ई-वे बिल की व्यवस्था

वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के प्रावधानों के तहत एक राज्य से दूसरे राज्य में सामान ले जाने के लिए इलेक्ट्रॉनिक वे बिल या ई-वे बिल की व्यवस्था एक अप्रैल से लागू हो जाएगी। जीएसटी क्रियान्वयन पर बने मंत्रिमंडलीय समूह ने आज इसकी सिफारिश की। राज्य के भीतर ई-वे बिल बाद में चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा। बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी की अध्यक्षता में समूह की नई दिल्ली में हुई बैठक में यह फैसला किया गया। 


पिछले साल एक जुलाई से जीएसटी लागू होने के बाद ई-वे बिल एक फरवरी से लागू होना था पर पहले दिन ही इसके पोर्टल के क्रैश हो जाने के कारण इसका क्रियान्वयन टालना पड़ा था। इस व्यवस्था के लागू होने के बाद दूसरे राज्यों में माल लाने और ले जाने में आसानी होगी। साथ ही, इसके लिए अब अलग-अलग परमिट (ट्रांजिट पास) की जरूरत भी नहीं होगी, बल्कि एक ई वे बिल पूरे देश में मान्य होगा। कई राज्यों में ई वे बिल पहले से ही लागू है। 

सुशील कुमार मोदी ने कहा कि समूह की सिफारिशों पर दस मार्च को जीएसटी काउंसिल की बैठक में विचार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि ई-वे बिल की व्यवस्था लागू होने से न सिर्फ राजस्व में 15 से 20 फीसदी की बढ़ोतरी होगी बल्कि टैक्स चोरी भी कम होगी।

ई-बिल जीएसटीएन (कॉमन पोर्टल) से तैयार किया होगा। किसी भी अधिकृत व्यक्ति के लिए जीएसटी लागू होने के बाद 50 हजार रुपये या ज्यादा के माल को एक राज्य से दूसरे राज्य में इसके बगैर ले जाने की अनुमति नहीं होगी। ई-बिल एसएमएस द्वारा तैयार या रद्द भी किया जा सकात है। जब एक ई-बिल तैयार हो जाएगा तो यूनिक ई-वे बिल नंबर (ईबीएन) जारी  किया जाएगा जो आपूर्तिकर्ता, प्राप्तकर्ता और ट्रांसपोर्टर को उपलब्ध होगा।

9.5 लाख व्यापारी ई-वे बिल पर रजिस्टर हुए हैं जिन्हें इसका सीधा फायदा मिलेगा। हालांकि जीएसटी रिटर्न आसान करने पर बैठक में कोई सहमति नहीं बन पाई, यानी व्यापारियों को अब भी हर महीने 3 रिटर्न ही भरने होंगे।

मोदी ने बताया कि बैठक में पोर्टल विकसित करने वाले एजेंसी नेशनल इंफॉर्मेशन सेंटर ने एक प्रस्तुतीकरण दिया है। पोर्टल को नए सिरे से तैयार किया गया है और परीक्षण के दौरान रोजाना 6.5 लाख ई-वे बिल तैयार हो रहे हैं। दो बार 'लोड टेस्ट' भी किया गया है जिनमें एक दिन में अधिकतम 50 लाख ई-वे बिल तैयार हुये हैं। तीसरा 'लोड टेस्ट' भी अगले दो दिन में होना है। उन्होंने बताया कि आरंभिक चरण में इस व्यवस्था को लागू करने पर रोजना 25 से 50 लाख ई-वे बिल तैयार होने का अनुमान है जिसके लिए पोर्टल सक्षम है।

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