उल्लेखनीय है कि 14वें वित्त आयोग की सिफारिशों के अनुसार सेवा कर में राज्यों को हिस्सेदारी नहीं मिलती है। जेटली ने राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान पूरक सवालों के जवाब में कहा कि 14वें वित्त आयोग के अनुसार सेवा कर राज्यों के साथ साझा नहीं किए जाते। उन्होंने कहा कि जितनी जल्दी आप जीएसटी पारित कर लेंगे, राज्यों के लिए उतना ही अच्छा होगा और उन्हें सेवा कर में हिस्सेदारी मिल सकेगी। उन्होंने केंद्रीय करों में राज्यों की हिस्सेदारी बढाकर 50 प्रतिशत किए जाने के सवाल पर कहा कि 14वें वित्त आयोग की अवधि 2020 तक यह 42 प्रतिशत ही रहेगा। उन्होंने कहा कि 13वें वित्त आयोग में यह हिस्सेदारी 32 प्रतिशत थी। कुछ राज्यों को कम राशि मिलने की शिकायत पर जेटली ने कहा कि 13वें वित्त आयोग के आखिरी साल और 14वें वित्त आयोग के पहले साल की तुलना किए जाने से स्पष्ट होगा कि राज्यों को 1,88,000 करोड़ रूपए अधिक मिले हैं। उन्होंने कहा कि 14वें वित्त आयोग के तहत हर राशि को पहले की अपेक्षा ज्यादा पैसे मिलने हैं।
उन्होंने कहा कि वित्त आयोग विभिन्न कारकों पर विचार कर राशि के बंटवारे के संबंध में सिफारिशें करता है। उन्होंने कहा कि वित्त आयोग हर राज्य में जाता है और उसकी बातें सुनता है। इस क्रम में वित्त आयोग राज्यों की जनसंख्या, भौगोलिक क्षेत्र, आय असमानता, जनसंख्या में परिवर्तन सहित विभिन्न विषयों पर विचार कर अपनी सिफारिशें देता है।
एजेंसी