विश्व बैंक द्वारा हाल ही में जारी रिपोर्ट के अनुसार विदेशों से पैसा भेजने के मामले में भारतीय सबसे आगे हैं। विश्व बैंक ने रिपोर्ट में कहा है कि 2017 में विदेश में बसे भारतीयों ने अपने घर के लोगों को 69 अरब डॉलर भेजे (रेमिटेंस) जो इससे पिछले साल की तुलना में 9.9 प्रतिशत अधिक है। विश्व बैंक की इस रिपोर्ट के बाद ईबिक्स के प्रेसिंडेट, सीइओ और चेयरमैन रॉबिन रैना ने कहा है कि उनकी कंपनी का नेटवर्क देश भर में फैला है और यह पैसा भेजने वाले लोगों के लिए मददगार साबित होगा। रेमिटेंस का सबसे बड़ा हिस्सा खाड़ी देशों के अलावा अमेरिका और कनाडा से आता है। सबसे ज्यादा पैसा उत्तर प्रदेश में भेजा जाता है।
रैना ने कहा कि रेमिटेंस स्पेस के क्षेत्र उनकी कंपनी की भूमिका अग्रणी है। पहले केरल और पंजाब के ही बाजारों का रेमिटेंस स्पेस दबदबा था। मगर अब ट्रेंड बदल रहा है और पूरे देश में नए बाजार उभर रहे हैं। भारत में चूंकि पैसा आ रहा है ऐसे में यह जरूरी है कि इसे पाने वाले आसानी एक्सेस प्वाइंट उपलब्ध हो। उन्होंने कहा कि रेमिटेंस स्पेस में चार अधिग्रहण के साथ, ईबिक्स कैश फाइनेंशियल एक्सचेंज ने बाजार हिस्सेदारी के 80 फीसदी से अधिक तक तत्काल और प्रत्यक्ष पहुंच के साथ अग्रणी स्थान हासिल किया है। रैना ने कहा कि देश भर में ईबिक्स कैश 23,15,000 से अधिक टचपॉइंट्स है जिनके सहारे हम बेहतर सेवा दे रहे हैं। हमारा मजबूत नेटवर्क वहां सुदूर क्षेत्रों तक सेवा लेने में मदद करेगा जहां के बारे में सोचना पहले अप्रत्याशित था।
भारत के बाद दूसरे स्थान पर चीन है जिसने 64 बिलियन डॉलर का रेमिटेंस किया है। इसके बाद क्रमशः फिलिपीन 33 बिलियन, मेक्सिको 31 बिलियन के साथ क्रमशः तीसरे और चौथे स्थान पर रहें है। पाकिस्तान 20 बिलियन और बांग्लादेश 13 बिलियन के रेमिटेंस के साथ सामान्य रहे जबकि श्री लंका में 0.09 प्रतिशत की गिरावट देखने को मिली है।