आज के जमाने यानी डिजिटल जमाने में हमारी जिंदगी से जुड़ी अधिकतर चीजें मोबाइल ऐप के जरिए हम तक पहुंच रही हैं। फिर चाहे बैंकिंग सर्विस ही क्यों न हो। ऐसी कई फिनटेक कंपनियां, बैंक और एनबीएफसी हैं जो मोबाइल ऐप के जरिए तुरंत लोन मुहैया कराती हैं। इसी का फायदा उठाते हुए कुछ फर्जी लोन ऐप एक बार फिर गूगल प्ले स्टोर पर सक्रिय हो गए हैं। अगर आप भी लोन की तलाश में हैं तो इस तरह के ऐप के जाल में न फंसे। इसके लिए आपको कुछ बातों का ध्यान रखना होगा।
एबीपी की खबर के मुताबिक, इस तरह के ऐप आपको बिना किसी कागजी कार्रवाई के 5 से 7 मिनट में सिर्फ आधार कार्ड और पैन कार्ड के बेस पर लोन देने का ऑफर देते हैं। ये खराब सिबिल स्कोर वालों को भी इंस्टा लोन देने का झांसा देते हैं। एक बार जब आप अपने डॉक्युमेंट्स को इनके ऐप पर अपलोड कर देते हैं, तो ये आपको 7 दिन के लिए 3000 से 5000 रुपये तक का लोन ऑफर करते हैं। आप जैसे ही आगे बढ़ेंगे तो प्रोसेसिंग फीस और अन्य चार्ज के नाम पर ये करीब 500 से 600 रुपये काट लेते हैं। 7 दिन बाद आपको पूरी रकम का भुगतान करना होता है। ये भी देखा गया है कि इस तरह के ऐप पर भुगतान के दौरान ऐरर आ जाता है। आपके खाते से पैसे कट जाते हैं, लेकिन ऐप पर पेमेंट ड्यू बताता है क्योंकि ये अवैध तरीके से चलते हैं। इसलिए इनका कोई क्स्टमर केयर नंबर नहीं होता और आप चाहकर भी अपनी शिकायत कहीं दर्ज नहीं करा पाते। वहीं दूसरी तरफ ये ऐप आप पर रोजाना 100 से 150 रुपये की पेनल्टी लगाते हैं। टॉर्चर का सिलसिला यहीं नहीं रुकता। रिकवरी के लिए ये लोग आपके रिश्तेदारों और दोस्तों को भी कॉल करके तंग करते हैं। उन्हें आपकी फोटो भेजकर आपको फ्रॉड बताते हैं। झंझट से बचने के लिए अधिकतर लोग पेमेंट कर देते हैं।
दरअसल, जब आप इस तरह के ऐप को इंस्टॉल करते हैं तो ये आपसे कॉन्टैक्ट, मीडिया स्टोरेज, मेसेज रीड और लोकेशन का एक्सेस मांगते हैं। एक बार आपकी तरफ से इन सभी चीजों पर अलाऊ करते ही आपका सारा डेटा इनके पास चला जाता है। रिकवरी के लिए ये लोग उसी डेटा का इस्तेमाल करते हैं।
खबर के मुताबिक, इस तरह के ऐप आपके डॉक्युमेंट्स का भी गलत इस्तेमाल करते हैं। ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जिनमें यूजर्स के पैन कार्ड को एडिट कर दूसरे नाम से लोन ले लिया गया। ऐसे में बेहतर है कि इस तरह के ऐप से दूर रहें।
पिछले साल कोरोना काल में जब जॉब लॉस और अन्य वजहों से लोगों को पैसों की जरूरत थी तो इस तरह के अनगिनत ऐप प्ले स्टोर पर आ गए थे। इनका चाइनीज कनेक्शन भी सामने आया था। जब इस तरह के ऐप की प्रताड़ना से तंग आकर सुसाइड के मामले बढ़े तो आरबीआई और पुलिस ने सख्ती की। नतीजतन गूगल ने ऐसे सैंकड़ों फर्जी लोन ऐप को प्ले स्टोर से हटा दिया लेकिन एक बार फिर इस तरह के लोन ऐप प्ले स्टोर पर आ गए हैं।