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पीएफ खाते की ब्याज पर टैक्स के नियम नोटिफाई, जानिए कौन लोग आएंगे इसके दायरे में

पीएफ खाते के ब्याज को टैक्सेबल बनाने से संबंधित नियम वित्त मंत्रालय ने नोटिफाई कर दिए हैं। इस साल...
पीएफ खाते की ब्याज पर टैक्स के नियम नोटिफाई, जानिए कौन लोग आएंगे इसके दायरे में

पीएफ खाते के ब्याज को टैक्सेबल बनाने से संबंधित नियम वित्त मंत्रालय ने नोटिफाई कर दिए हैं। इस साल फरवरी में 2021-22 का जो बजट पेश किया गया था उसमें यह प्रावधान किया गया कि पीएफ खाते में तय सीमा से अधिक पैसे जमा करने पर उस पर मिलने वाला ब्याज टैक्सेबल होगा। निजी क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए यह सीमा 2.5 लाख रुपए और सरकारी कर्मचारियों के लिए 5 लाख रुपए तय की गई। यानी अगर आप निजी क्षेत्र के कर्मचारी हैं तो प्रतिमाह 20833 रुपए तक पीएफ खाते में जमा होने पर उस पर मिलने वाले ब्याज पर टैक्स नहीं लगेगा। पीएफ खाते में मासिक योगदान अगर इससे अधिक है तो पूरे साल में जमा होने वाली रकम 2.5 लाख रुपए से अधिक हो जाएगी और तब उस अधिक रकम पर मिलने वाला ब्याज टैक्सेबल होगा।

मौजूदा वित्त वर्ष में पीएफ खाते में जमा पर लागू होंगे नए नियम

वित्त मंत्रालय ने 31 अगस्त को इससे संबंधित नियम अधिसूचित कर दिए। ये नियम 1 अप्रैल 2022 से लागू होंगे। यानी मौजूदा वित्त वर्ष में निजी या सरकारी क्षेत्र के कर्मचारियों के पीएफ खाते में जो भी पैसा जमा होगा उस पर यह नियम लागू होंगे। नए नियमों के अनुसार अगर किसी के पीएफ खाते में योगदान तय सीमा से अधिक है तो उसके टैक्सेबल और नॉट टैक्सेबल योगदान के अलग-अलग खाते होंगे। खाते अलग करने का जिम्मा पीएफ का संचालन करने वाली बॉडी ईपीएफओ का है। सीबीडीटी ने स्पष्ट किया है की 31 मार्च 2021 तक पीएफ खाता धारक के अकाउंट में जो भी रकम जमा है और उस पर जितना भी ब्याज मिलेगा वह नॉन टैक्सेबल होगा। यानी नए नियम इस तारीख के बाद जमा होने वाली रकम पर ही लागू होंगे।

अभी तक पीएफ के ब्याज पर नहीं लगता था कोई टैक्स

अभी तक पीएफ जमा पर मिलने वाले ब्याज पर कोई टैक्स नहीं लगता था। पीएफ जमा पर ब्याज की दर भी सामान्य बैंक एफडी की तुलना में अधिक होती है। इसलिए ऊंचा वेतन पाने वाले अनेक लोग अधिक ब्याज पाने और टैक्स बचाने के मकसद से वेतन का बड़ा हिस्सा पीएफ खाते में जमा करवाते थे। नए नियमों का मकसद इसे हतोत्साहित करना है। अब तय सीमा से अधिक राशि पीएफ खाते में जमा करने पर उस पर मिलने वाले ब्याज पर व्यक्ति के इनकम टैक्स स्लैब के अनुसार टैक्स की गणना की जाएगी। यानी कोई व्यक्ति 30% टैक्स ब्रैकेट में आता है तो अतिरिक्त रकम पर मिलने वाले ब्याज पर भी इसी दर से टैक्स लगेगा।

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