उद्योगों के इस आग्रह को स्वीकार किया है कि कर का भुगतान किस्तों में किया जा सकता है। एक शीर्ष अधिकारी ने पीटीआई से कहा, सरकार कर भुगतान की समयसीमा बढ़ाने पर अनुकूल ढंग से विचार कर रही है क्योंकि वह इस बात को समझ रही है कि नवंबर के आसपास नकदी का संकट रहता है।
उन्होंने कहा, इस बात को लेकर चर्चा जारी है कि भुगतान सुविधा को कितने महीने के लिए बढ़ाया जा सकता है, इस संबंध में चर्चा हो रही है। हमने कहा है कि वे कर और जुर्माना किस्तों में अदा कर सकते हैं। वित्त मंत्री अरुण जेटली की पिछले महीने उद्योग सगठनों, चार्टर्ड अकाउंटेंट और कर पेशेवरों के साथ हुई बैठक के बाद अधिकारियों की तरफ से यह टिप्पणी आई है। इस बैठक का आयोजन अनुपालन सुविधा से जुड़ी चिंताओं को समझने के लिए किया गया था। विभिन्न व्यापार संगठनों ने हालांकि, कर भुगतान में उदारता बरतने और योजना के विस्तार की मांग की है क्योंकि नवंबर के आस-पास नकदी प्रवाह की समस्या होती है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने अक्सर पूछे जाने वाले सवाल के रूप में योजनाओं के स्पष्टीकरण के तीन सेट जारी किए हैं। यह योजना निवासी और प्रवासी दोनों खंडों में लागू होगी जो आय खुलासा योजना (आईडीएस) के तहत खुलासा कर सकते हैं। अधिकारी ने कहा, हम और स्पष्टीकरण जारी करेंगे। हमें अभी भी लोगों के सवाल मिल रहे हैं और हम उन पर ध्यान दे रहे है।
भाषा एजेंसी