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GST काउंटडाउन: बस थोड़ी देर में शुरू होगा मेगा शो, कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों ने किया बहिष्कार

संसद में होने वाले जीएसटी मेगा शो 15 अगस्त 1947 की आधी रात की याद दिलाने वाला होगा, जब भारत अपनी भविष्य की राह पर आगे चल पड़ा था। माना जा रहा है कि जीएसटी के लागू होने से 2,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था को नया आकार मिलेगा।
GST काउंटडाउन: बस थोड़ी देर में शुरू होगा मेगा शो, कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों ने किया बहिष्कार

आजादी के बाद सरकार आज एक भव्य समारोह के साथ सबसे बड़े आर्थिक सुधार ‘एक राष्ट्र-एक कर’ को लागू करेगी। गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स को लांच करने की तैयारी पूरी हो चुकी है। संसद के सेंट्रल हाल में आज रात ठीक 12 बजे इस भव्य कार्यक्रम में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की मौजूदगी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अप्रत्यक्ष करों में नए युग की शुरुआत का ऐलान करेंगे। हालांकि इस कार्यक्रम में कांग्रेस समेत विपक्ष के कई दलों की अनुपस्थिति रहेगी।

दरअसल, संसद के गोलाकार सेंट्रल हाल में इस तरह का आखिरी कार्यक्रम 1997 में हुआ था जब स्वतंत्रता के पचास वर्ष पूरे होने पर आजादी की गोल्डन जुबली मनाई गई थी। जीएसटी को लांच करने के लिए इस हाल को सरकार ने विशेष तौर पर चुना है। जीएसटी लॉन्च के दौरान कार्यक्रम में राष्ट्रपति तो मौजूद रहेंगे ही, साथ ही, पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह और एचडी देवेगौड़ा को भी इस विशेश कार्यक्रम में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया है। लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन और उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति के साथ मंच पर शिरकत करेंगे। मशहूर शख्सियतों में अमिताभ बच्चन और उद्योगपति रतन टाटा के भी केंद्रीय हाल में मौजूद रहने की संभावना है। इनके अतिरिक्त लता मंगेशकर, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और पूर्व वित्त मंत्री व वरिष्ठ भाजपा नेता यशवंत सिन्हा भी बतौर अतिथि मौजूद रहेंगे।

जहां तक क्षेत्रीय दलों का सवाल है अकाली दल नेता और पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल और नेशनल कान्फ्रेंस नेता अब्दुल रहीम राथर को भी निमंत्रित किया गया है। राथर जम्मू कश्मीर की पिछली सरकार में वित्त मंत्री थे। वह जीएसटी के लिए बनी वित्त मंत्रियों की उच्चाधिकार समिति के चेयरमैन भी रहे हैं। इनके साथ साथ समिति के अन्य अध्यक्षों में सुशील कुमार मोदी, पश्चिम बंगाल से असीम दासगुप्ता और केरल के केके मणि को भी आमंत्रित किया गया है।

संसद में होने वाले विशेष समारोह में सभी राजनीतिक दलों के नेताओं को भी बुलाया गया है, लेकिन मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, राष्ट्रीय जनता दल, बहुजन समाज पार्टी और वामपंथी दलों ने इसमें भाग नहीं लेने का ऐलान किया है। समारोह एक घंटे से अधिक समय तक चलेगा, जिसे मुखर्जी, मोदी और वित्त मंत्री अरुण जेटली संबोधित करेंगे। समारोह में जीएसटी पर दस मिनट की फिल्म भी दिखाई जाएगी।

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने विपक्षी दलों से अपनी जिम्मेदारी समझने और अपने निर्णय पर पुनर्विचार कर समारोह में शामिल होने की अपील की है। उन्होंने कहा, मुझे उम्मीद है कि सभी राजनीतिक दल अपने इस निर्णय की समीक्षा करेंगे और इस समारोह में शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि राजनीतिक दलों को स्वयं को बड़ा साबित करते हुये अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिए। साथ ही, वित्त मंत्री ने यह भी कहा है कि जो लोग जीएसटी पर सलाह-मशविरा और निर्णय लेने की प्रक्रिया में शामिल रहे हैं, उन्हें यह भी स्वीकार करना चाहिए कि यह अकेले केन्द्र सरकार का निर्णय नहीं है। इसमें 31 राज्य और केन्द्र शासित प्रदेशों की भागीदारी है। उन्होंने कहा कि कई सरकारों के दौरान 15 वर्षों तक चर्चा के बाद वर्ष 2016 में जीएसटी से जुड़ा संविधान संशोधन विधेयक पारित हो सका है।

माना जा रहा है कि अर्थव्यवस्था में हुआ यह सुधार देश के सकल घरेलू उत्पाद में दो फीसद तक की बढ़ोतरी करने में सफल रहेगा। विशेषज्ञ मानते हैं कि आज के युग में कारोबार जिस तरीके और स्तर पर हो रहा है उसमें आगे बढ़ने के लिए भारत को ऐसे ही एक आधुनिक कानून की आवश्यकता है।

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