एसोचैम के शोध पत्र के मुताबिक जीएसटी के लागू होने के बाद लगभग दस साल तक इसे इसके दायरे से बाहर रखा जाना चाहिए। यह क्षेत्र समाज की स्वास्थ्य संबंधी जरूरतों को पूरा करता है और इसे जीएसटी के दायरे से बाहर रखा जाना चाहिए। अन्यथा चिकित्सा सुविधाएं महंगी हो जाएंगी और उस तक आम आदमी का पहुंच पाना मुश्किल हो जाएगा।
एसोचैम के महासचिव डी एस रावत का कहना है कि बड़ी संख्या में खाद्य उत्पाद और आम आदमी के इस्तेमाल की अन्य आवश्यक वस्तुओं को जीएसटी के दायरे से बाहर रखा गया है। खाद्य उत्पाद जितना ही स्वास्थ्य सेवा भी महत्वपूर्ण और अनिवार्य है, जो खाद्य के बाद सबसे महत्वपूर्ण सेवा है।
केंद्र सरकार प्रस्तावित वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को लागू करने की तिथि बदल दी गई है। हाल ही में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने ऐलान किया कि अब जीएसटी को 1 अप्रैल से नहीं बल्कि 1 जुलाई से लागू किया जाएगा। 1 अप्रैल की तिथि पर सहमति नहीं बनने की वजह से सरकार को जीएसटी लागू करने के लिए और अधिक समय देना पड़ा।