इस बीच, सरकार ने आईडीएस के तहत एक महीने की अवधि में घोषित कालाधन को संशोधित कर 67,382 करोड़ रुपये कर दिया है। पहले इसके 65,250 करोड़ रुपये रहने की बात कही गयी थी।
वित्त मंत्रालय के बयान के अनुसार, जो घोषणा प्राप्त हुई है, उसमें उच्च मूल्य की दो घोषणाओं को उक्त आंकड़े में शामिल नहीं किया गया। इसका कारण उसका संदिग्ध पाया जाना था क्योंकि उनकी घोषणा करने वाले छोटे संसाधन वाले लोग हैं।
बयान में कहा गया है कि मुंबई में एक परिवार के चार लोगों ने कुल दो लाख करोड़ रुपये की आय का खुलासा किया था। इनमें अब्दुल रज्जाक मोहम्मद सईद, उनका बेटा मोहम्मद आरिफ अब्दुल रज्जाक सईद, पत्नी रूखसाना अब्दुल रज्जाक सईद तथा बहन नूरजहां मोहम्मद सईद शामिल हैं। इन लोगों ने अपना पता बांद्रा में लिंकिंग रोड पर जुबली कोर्ट के पास 269-बी, टीपीएस-तीन, फ्लैअ संख्या चार दर्ज कराया है।
इसके अलावा अहमदाबाद के जोधपुर ग्राम सेटेलाइट, मंगलज्योत टावर, 206 निवासी महेश कुमार चंपकलाल शाह ने 13,860 करोड़ रुपये की आय की घोषणा की थी।
मंत्रालय ने कहा, इसीलिए उपयुक्त विचार-विमर्श के बाद आयकर विभाग ने 30 नवंबर को दो लाख करोड़ रुपये और 13,860 करोड़ रुपये की इन घोषणाओं को खारिज कर दिया। विभाग ने इसकी घोषणा करने वालों के खिलाफ जांच शुरू की है ताकि यह पता लगाया जा सके कि झूठी घोषणा के पीछे क्या इरादा था।
आईडीएस के बारे में ताजा सरकारी बयान में कहा गया है कि मुंबई के बांद्रा में रहने वाले अब्दुल रज्जाक मोहम्मद सईद के चार सदस्यों के परिवार ने कुल दो लाख करोड़ रुपये की घोषणा की जिसे विभाग ने खारिज कर दिया क्योंकि चार पैन नंबर मूल रूप से अजमेर के थे और वे सितंबर 2016 में मुंबई पहुंचे थे जहां उन्होंने आय की यह घोषणा की थी। इस बीच, शाह ने उन राजनेताओं और व्यापारियों के नाम सार्वजनिक करने की धमकी दी है जिसके लिये वह काम कर रहे थे।
पूर्व वित्त वर्ष पी. चिदंबरम ने ट्विटर पर लिखा है, 65,000 करोड़ रुपये के आईडीएस में 13,860 करोड़ रुपये का गोलमाल है। आईडीएस और कितना गोलमाल।
मुंबई और अहमदाबाद में की गयी इन घोषणाओं की वास्तविकता का पता लगाने के लिये जांच के लिये लंबित रखा गया था और उसे एक अक्तूबर को घोषित कुल घोषणा में शामिल नहीं किया गया। बयान के अनुसार उपयुक्त जांच के बाद यह पाया गया कि ये घोषणा करने वाले लोग संदिग्ध प्रकृति के थे और उनके पास काफी कम संसाधन थे। बयान के मुताबिक विभाग ने इन घोषणाकर्ताओं के खिलाफ जांच शुरू की है।
आईडीएस की घोषणा बजट में की गयी थी जिसके तहत अघोषित आय या संपत्ति का खुलासा कर उस पर 45 प्रतिशत कर, अधिभार तथा जुर्माना देकर पाक साफ हुआ जा सकता था।
चार महीने की मोहलत अवधि 30 सितंबर को समाप्त हुई। अब अंतिम घोषणा के आधार पर सरकार को कर एवं जुर्माने के रूप में 30,321.9 करोड़ रपये मिलेंगे।
भाषा