कोरोना महामारी के चलते वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान अर्थव्यवस्था में 7.3 प्रतिशत की दर से गिरावट आई थी। लेकिन इस बार आईएमएफ का अनुमान है कि इस साल इसमें बढ़ोतरी आएगी। आईएमएफ द्वारा मंगलवार को जारी ताजा अनुमानों के अनुसार भारत की अर्थव्यवस्था के वर्ष 2021 में 9.5 प्रतिशत और 2022 में 8.5 प्रतिशत की दर से बढ़ने की उम्मीद है।
आईएमएफ के ताजा विश्व आर्थिक परिदृश्य (डब्ल्यूईओ) में भारत के वृद्धि अनुमानों को इस साल जुलाई में जारी अपने पिछले अनुमान पर स्थिर रखा गया है, हालांकि यह अप्रैल के अनुमानों के मुकाबले 1.6 प्रतिशत कम है। आईएमएफ और विश्व बैंक की वार्षिक बैठक से पहले जारी ताजा डब्ल्यूईओ के अनुसार 2021 में पूरी दुनिया की वृद्धि दर 5.9 प्रतिशत और 2022 में 4.9 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
अमेरिका के इस साल छह फीसदी और अगले साल 5.2 फीसदी की दर से बढ़ने का अनुमान है। इन पुर्वानुमानों के मुताबिक चीन की अर्थव्यवस्था 2021 में आठ प्रतिशत और 2022 में 5.6 प्रतिशत की दर से बढ़ सकती है।
आईएमएफ के ताजा विश्व आर्थिक परिदृश्य (डब्ल्यूईओ) में भारत के वृद्धि अनुमानों को इस साल जुलाई में जारी अपने पिछले अनुमान पर स्थिर रखा गया है, हालांकि यह अप्रैल के अनुमानों के मुकाबले 1.6 फीसदी कम है। आईएमएफ और विश्व बैंक की वार्षिक बैठक से पहले जारी ताजा डब्ल्यूईओ के अनुसार 2021 में पूरी दुनिया की वृद्धि दर 5.9 प्रतिशत और 2022 में 4.9 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
गोपीनाथ ने कहा, 'हमने भारत के लिए इस साल के अपने वृद्धि पूर्वानुमान में कोई बदलाव नहीं किया है। मेरा मतलब है कि भारत एक बेहद कठिन दूसरी लहर से बाहर आया और जुलाई में एक बड़ी गिरावट आई, लेकिन हमारे पुर्वानुमान में अभी तक कोई बदलाव नहीं हुआ है।' गोपीनाथ ने कहा कि वित्तीय बाजार के संबंध में भारतीय अर्थव्यवस्था पहले से ही कई चुनौतियों का सामना कर रही है।