आईटी सेक्टर में लगातार कर्मचरियों की नौकरियों पर खतरा मंडरा रहा है। दुनिया की नंबर वन सॉफ्टवेयर कंपनी माइक्रोसॉफ्ट ने भी अब हजारों कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखाने का फैसला लिया है। यह दुनियाभर में काम कर रहे उसके कुल कर्मचारियों का पांच प्रतिशत है। कंपनी के सीईओ सत्या नडेला ने बुधवार को छंटनी की घोषणा करते हुए, इसे एक कठिन विकल्प करार दिया। उन्होंने कहा कि कंपनी मौजूदा आर्थिक स्थितियों और उपभोक्ताओं की बदलती प्राथमिकताओं के कारण यह कदम उठा रही है।
दरअसल, इस समय पूरी दुनिया पर मंदी का खतरा मंडरा रहा है, पहले ही अनुमान लगाया जा चुका है कि इस साल मंदी के आसार हैं। ऐसे में कई बड़ी कंपनियां पहले से ही लोगों को नौकरी से निकालने की बात कर रही हैं। इसी वजह से अब माइक्रोसॉफ्ट भी अब ये छंटनी करने को तैयार हो गया है।
माइक्रोसॉफ्ट ने बुधवार को शेयर बाजार को बताया कि उसने निकाले जाने वाले कर्मचारियों को सूचना दे दी है। इसमें से कुछ को तत्काल प्रभाव से हटा दिया गया है। कंपनी ने कहा कि वह अपने हार्डवेयर विभाग में भी बदलाव कर रही है और पट्टे पर लिए गए अपने कुछ कार्यालय परिसरों की संख्या कम करेगी। कंपनी के इन कदमों से लगभग 1.2 अरब डॉलर की बचत होगी।
माइक्रोसॉफ्ट के भारतीय मूल के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) सत्य नडेला ने अपने कर्मियों से संवाद करते हुए कहा कि कंपनी अपनी मूल्य अवसंरचना को राजस्व और उपभोक्ता मांग के अनुपात में करेगी। उन्होंने कहा, ‘‘आज हम ऐसे बदलाव कर रहे हैं, जिनसे वित्त वर्ष 2022-23 की तीसरी तिमाही के अंत तक 10,000 कर्मी कम हो जाएंगे। यह हमारे कर्मियों की कुल संख्या का पांच प्रतिशत से कम है। हम जानते हैं कि यह समय हर संबद्ध व्यक्ति के लिए चुनौतीपूर्ण है।’’
कंपनी ने बताया कि प्रभावित कर्मियों को क्षतिपूर्ति भुगतान, छह महीनों तक स्वास्थ्य संबंधी सुविधाएं, दो महीने पहले नौकरी से निकालने का नोटिस दिया जाएगा।
बता दें कि इससे पहले फेसबुक, इंस्टाग्राम और व्हॉट्सएप की मूल कंपनी मेटा ने पिछले साल नवंबर में 11,000 से ज्यादा कर्मियों को नौकरी से निकाल दिया था। यह संख्या उसके कुल कर्मियों का लगभग 13 प्रतिशत थी।
वैश्विक अर्थव्यवस्था में अनिश्चितता के कारण कंपनियां खर्चे में कमी और संचालन को पुनर्गठित करने के लिए मजबूर हो गई हैं। इस बीच, अमेजन 18,000 से ज्यादा कर्मियो को नौकरी से निकाल रही है।