रिलायंस व उसके भागीदारों ने यह यह गैस बीते सात साल के दौरान निकाली। जानकार सूत्रों ने बताया कि पेट्रोलियम मंत्रालय ने रिलायंस इंडस्ट्रीज (आरआईएल) को नोटिस भेजकर 1.55 अरब डालर का मुआवजा मांगा है।
उल्लेखनीय है कि न्यायाधीश एपी शाह समिति ने अपनी रपट में कहा था कि रिलायंस इंडस्ट्रीज आंध्र प्रदेश तट के समीप बंगाल की खाड़ी में कृष्णा गोदावरी (केजी) बेसिन के अपने ब्लाक से सटे ओएनजीसी ब्लाक की प्राकृतिक गैस पिछले सात साल तक निकालती रही और इसके लिए उसे सरकार को भुगतान करना चाहिए।
शाह समिति की राय में मुकेश अंबानी की अगुवाई वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज ने ओएनजीसी के क्षेत्र से गैस अपने ब्लाक में बह या खिसक कर आयी गैस के दोहन के लिए उसे सरकार को भुगतान करना चाहिए।
भाषा