पेट्रोल-डीजल की कीमतों से लोग परेशान हैं। मुंबई में पेट्रोल 84 रुपए प्रति लीटर तक पहुंच गया है, वहीं दिल्ली में पेट्रोल की दाम अब तक की सबसे ऊंची दर पर बिक रहा है। बढ़ती कीमतों पर काबू पाने के लिए सरकार बुधवार शाम को तेल कंपनियों के साथ मीटिंग करने जा रही है भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने मंगलवार को कहा था कि इस बारे में जल्द फैसला लिया जाएगा।
पिछले 10 दिन से पेट्रोल 2.54 रुपए और डीजल 2.41 रुपए महंगा हुआ है। दिल्ली में बुधवार को पेट्रोल के दाम 30 पैसे बढ़ाए गए जिसके बाद भाव 77.17 रुपए प्रति लीटर हो गया। वहीं, डीजल का भाव 26 पैसे की बढ़ोतरी के साथ 68.34 रुपए प्रति लीटर पर पहुंच गया।
कर्नाटक चुनाव से पहले 19 दिन तक पेट्रोल डीजल के दामों में कोई बदलाव नहीं किया गया। कर्नाटक में 12 मई को मतदान हुआ था। इसके बाद 14 मई से दाम बढ़ने शुरू हुए।
महानगरों में पेट्रोल के दाम
शहर | बुधवार के भाव (रु./लीटर) | 13 मई को दाम | बढ़ोतरी (14 मई से 23 मई तक) |
दिल्ली | 77.17 (अब तक का उच्च स्तर) | 74.63 | 2.54 रुपए |
मुंबई | 84.99 | 82.48 | 2.51 रुपए |
कोलकाता | 79.83 | 77.32 | 2.51 रुपए |
चेन्नई | 80.11 | 77.43 | 2.68 रुपए |
कीमतों में बढ़ोतरी की 5 वजह
1) पेट्रोलियम निर्यातक देशों के संगठन (ओपेक) ने पिछले दिनों प्रोडक्शन घटाया है, जिससे मांग बढ़ी है और तेल के दामों में इजाफा हुआ है।
2) अंतर्राष्ट्रीय बाजार में पेट्रोल के बेंचमार्क रेट 84.97 डॉलर प्रति बैरल हो गए हैं। 24 अप्रैल को ये 74.84 डॉलर प्रति बैरल थे।
3) पिछले हफ्ते क्रूड का भाव 80 डॉलर प्रति बैरल पहुंचा। नवंबर 2014 के बाद पहली बार दाम इस स्तर पर पहुंचे हैं।
4) डॉलर के मुकाबले रुपया 68 के पार पहुंच गया, जिससे तेल का इंपोर्ट महंगा हुआ है। भारत अपनी जरूरत का 80% से ज्यादा क्रूड इंपोर्ट करता है।
5) कर्नाटक चुनाव से पहले दाम स्थिर रखने से तेल कंपनियों को 500 करोड़ के घाटे का अनुमान है। ऐसे में नुकसान की भरपाई के लिए कंपनियां लगातार कीमतें बढ़ा रही हैं।