भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के पूर्व गर्वनर और जाने माने अर्थशास्त्री रघुराम राजन यूनाइटेड किंगडम (यूके) के बैंक ऑफ इंग्लैंड के गवर्नर बनने की दौड़ में शामिल हैं। राजन को इंग्लैंड के बैंक का गर्वनर बनाया जा सकता है। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट में बुधवार को यह जानकारी दी गई। 325 साल पुराना बैंक ऑफ इंग्लैंड यूके का केंद्रीय बैंक है।
5 जून को पूरी हो चुकी आवेदन प्रक्रिया
बैंक ऑफ इंग्लैंड के मौजूदा गवर्नर मार्क कार्नी का कार्यकाल 31 जनवरी 2020 को पूरा होगा। नया गवर्नर चुनने के लिए यूके ट्रेजरी ने 5 जून तक आवेदन मांगे थे। हालांकि, यह पता नहीं चल पाया है किस-किस ने आवेदन किया। राजन के अलावा एंड्रयू बेली इस रेस में आगे हैं। बेली 2013 से 2016 तक बैंक ऑफ इंग्लैंड के डिप्टी गवर्नर रह चुके हैं। इकोनोमिक्स के प्रोफेसर और बैंक ऑफ इंग्लैंड के पूर्व नीति-निर्माता डेविड ब्लांचफ्लॉवर का कहना है कि राजन रेस में शामिल बाकी लोगों से आगे हैं।
2003 से 2006 तक आईएमएफ के चीफ इकोनॉमिस्ट रह चुके हैं राजन
यूके ट्रेजरी के चांसलर फिलिप हैमन्ड ने अंतरराष्ट्रीय संस्थानों में काम कर चुके व्यक्ति को नया गवर्नर चुनने पर जोर दिया था। राजन इस पैमाने पर खरे उतरते हैं। वे 2003 से 2006 तक इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड (आईएमएफ) के चीफ इकोनॉमिस्ट रह चुके हैं औ फिर 2013 में आरबीआई के गवर्नर बनने से पहले उन्होंने भारत सरकार के सलाहकार के तौर पर भी काम किया था।
‘दुनिया की अर्थव्यवस्था पर मंडरा रहा है खतरा’
राजन ने 2005 में चेतावनी दी थी कि दुनिया की अर्थव्यवस्था पर खतरा मंडरा रहा है। उस वक्त अमेरिका के पूर्व ट्रेजरी सेकेट्री लैरी समर्स ने राजन की निंदा की थी। लेकिन, राजन की चेतावनी के 3 साल बाद ही लीमैन ब्रदर्स संकट सामने आ गया था।
पूरी तरह से भारतीय नहीं राजन
राजन पूरी तरह से भारतीय नहीं बीजेपी के मुखर सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा था कि राजन मानसिक रूप से पूरी तरह से भारतीय नहीं थे। इसी वजह से उन्होंने ब्याज दरों को बहुत अधिक रखा। साल 2016 में स्वामी ने मोदी को एक पत्र लिख कर उन्हें पद से हटाने या फिर निकालने के लिए कहा था। उन्होंने 2017 में अपनी पुस्तक में खुलासा किया था कि उन्होंने नोटबंदी को लेकर मोदी सरकार को चेताया था।