सूत्रों के मुताबिक उन्हें यह अहम जिम्मेदारी दी जा सकती है। यह कयास इसलिए भी लगाए जा रहे हैं क्योंकि उन्होंने नैशनल स्किल डिवेलपमेंट एजेंसी (एनएसडीए) के चेयरैमैन के पद से इस्तीफा दे दिया है। यह पद केंद्र सरकार के कैबिनेट मंत्री के दर्जे के बराबर है। इसके अलावा रामादुरई ने नैशनल स्किल डिवेलपमेंट कॉर्पोरेशन के पद से भी इस्तीफा दिया है।
सूत्रों के मुताबिक रामादुरई ने सितंबर महीने के आखिर में स्वास्थ्य कारणों के चलते पीएमओ को अपना इस्तीफा सौंप दिया था, जिसे स्वीकार कर लिया गया। यह पूरा घटनाक्रम ऐसे वक्त में सामने आया है, जब यह अटकल लगाई जा रही है कि उन्हें सायरस मिस्त्री के स्थान पर टाटा संस के चेयरमैन का जिम्मा दिया जा सकता है। सूत्रों के मुताबिक मिनिस्ट्री ऑफ स्किल डिवेलपमेंट ऐंड आंत्रप्रन्योरशिप के सेक्रटरी रोहित नंदन उनके स्थान पर एनएसडीए के अंतरिम चेयरमैन के तौर पर जिम्मा संभालेंगे।
पीटीआई के मुताबिक बुधवार को भविष्य की रूपरेखा तैयार करने के लिए एनएसडीसी बोर्ड की मीटिंग हो सकती है। रामादुरई फरवरी 2011 के बाद से एनएसडीए के साथ जुड़े थे। यह केंद्र सरकार के अंतर्गत काम करने वाली स्वायत्त संस्था है। यह संस्था सरकार की ओर से स्किल डिवेलपमेंट के प्रयासों को अमलीजामा पहनाने और सरकारी एवं प्राइवेट सेक्टर में स्किलिंग टारगेट को हासिल करने में मदद का काम करती है।
फरवरी 2011 में सरकार ने रामादुरई को प्रधानमंत्री का स्किल डिवेलपमेंट सलाहकार नियुक्त किया था। जून, 2013 में इस संस्था को एनएसडीए में शामिल कर लिया गया था। रामादुरई हाल ही में टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज से वाइस-चेयरमैन के तौर पर रिटायर हुए थे। टाटा संस के साथ 42 साल लंबी पारी खेलने वाले रामादुरई की एक बार फिर से समूह के मुखिया के तौर पर वापसी हो सकती है।