पिछले साल नवंबर में हुई नोटबंदी से भले ही आर्थिक गतिविधियों में कुछ अस्थाई बाधाएं पैदा होने से कारोबार पर असर हुआ, लेकिन अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने इसकी तारीफ की है। आईएमएफ का मानना है कि एक वर्ष पहले भारत ने नोटबंदी की जो कवायद की थी, उससे लंबे समय तक लाभ मिलेगा।
आईएमएफ के विलियम मरे ने हर पखवाड़े होने वाले संवाददाता सम्मेलन में कहा, हमें लगता है कि एक वर्ष पहले हुई नोटबंदी के शानदार लाभ होंगे और इन लाभ के दूर तक जाने की संभावना है। पीटीआई के मुताबिक, विलियम ने कहा कि नोटबंदी की वजह से नकदी की कमी के कारण मुख्य रूप से शुरुआती समय पर निजी उपभोग, लघु उद्योग में आर्थिक गतिविधियों में कुछ अस्थाई बाधाएं पैदा हुईं, जिसकी वजह से कारोबार पर असर पड़ा और आम जनता को दिक्कतों का सामना करान पड़ा। लेकिन ये प्रभाव अस्थायी होंगे और कुछ समय बाद ही नोटबंदी के फायदे लोगों के सामने आ जाएंगे।
विलियम ने कहा, ‘आर्थिक गतिविधियों पर सूचना एवं उनकी अधिक औपचारिकता और बैंकिंग प्रणाली एवं डिजिटल भुगतान के ज्यादा से ज्यादा प्रयोग से अधिक प्रभावशाली भुगतान प्रणाली के जरिए मध्यम अवधि में नोटबंदी के संभावित प्रभाव पड़ सकते हैं।
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने बीते साल 8 नवंबर को नोटबंदी का फैसला लिया था, जिसके बाद 500 और 1000 रुपये के नोट अमान्य कर दिए गए थे। ये उस वक्त बाजार में प्रचलित कुल नकदी का 86 फीसदी हिस्सा थे।
आईएमएफ जनवरी में भारत के साथ-साथ दुनिया के अन्य देशों की विकास दर पर अपने अनुमान जारी करने वाला है।